इंडो-नेपाल बॉर्डर के समानान्तर तीन सड़कों पर काम तेज, चौथा टेंडर में

सीतामढ़ी। भारत-नेपाल सीमा सड़क के काम में अतिक्रमण व भू-अर्जन की बाधा अब दूर हो गई है। इस अड़ंगा में 2013 का प्रोजेक्ट 2024 में अब पूरा होगा। सीतामढ़ी जिले में भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना के तहत चार सड़कों का निर्माण हो रहा है। ये सड़कें भारत-नेपाल सीमा के समानांतर दो लेन की होंगी तथा यह सड़क सामरिक और यातायात को लेकर महत्वपूर्ण होगी। सबसे बड़ी बात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को इस सड़क से यातायात में सुविधा होने पर तस्करी पर लगाम लगाने में भी काफी मदद मिलेगी। इसी मकसद से केंद्र सरकार ने यह प्रोजेक्ट बनाया। यह ग्रीन फिल्ड का हिस्सा होंगी। 'ग्रीनफील्ड परियोजना' का तात्पर्य ऐसी परियोजना से है, जिसमें किसी पूर्व कार्य/परियोजना का अनुसरण नहीं किया जाता है। अवसंरचना में अप्रयुक्त भूमि पर तैयार की जाने वाली परियोजनाएं जिनमें मौजूदा संरचना को फिर से तैयार करने या ध्वस्त करने की आवश्यकता नहीं होती है। कुल 89.925 किलोमीटर भिट्ठामोड़ के चिकनी से लेकर बेला के कन्हौली तक सड़क बननी है। जिनमें भिट्ठामोड़ से चिकनी तक बननेवाली सड़क के लिए एक मौजा श्रीखंड भिट्ठा के कुछ किसान अपनी जमीन की कीमत अधिक बताते हुए रेट रिवीजन के लिए प्राधिकार न्यायालय मुजफ्फरपुर में मुकदमा दायर कर रखे हैं। इस परियोजना के तहत जिले में बॉर्डर क्षेत्र के 60 गांवों में सड़क निर्माण का काम कराया जाना है। एक मौजा को छोड़ सभी जमीन का कब्जा जिला भू-अर्जन कार्यालय को मिल गया है।

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कार्यपालक अभियंता ने बताया ये सड़कें कहां से कहां तक कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल सीतामढ़ी ईं.अजय कुमार आजाद के अनुसार, यह प्रोजेक्ट चार भाग में बंटा है। लेकिन, तीन भाग में काम शुरू हो चुका है। चौथे के लिए टेंडर की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। भिट्ठामोड़ से चिकनी तक का नारायणी निर्माण एजेंसी को 0 किमी से लेकर 5.8 किलोमीटर तक, कन्हौली से सुरसंड ब्रॉड वे लिक प्रा.लि. एजेंसी निर्माण करेगी। इसके जिम्मे कुल 49.15 किमी, बहार से कन्हौली तक मिसेज शशिकुमारी पथ एजेंसी को 10.925 किमी सड़क बनाने का ठीका मिला है। फुलवरियाघाट से बहा ग्राम 24.05 किमी बननेवाली सड़क के टेंडर की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। 2024 तक चारों सड़कों को बनाकर पूरा कर देना है।
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श्रीखंडी भिट्ठा में कुछ किसानों को चाहिए उनकी जमीन का अधिक मुआवजा
एडीएम सह जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विश्वजीत हेनरी ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत सीतामढ़ी जिले में कुल 60 गांवों में 558.51268 एकड़ भूमि ग्रीन फील्ड में अधिग्रहित की गई है। सरकार से 3,06,84,38,525 रुपये उपलब्ध कराए गए हैं जिनमें से अब तक 2,87,42,71,513 रुपये जमीन के मालिकों को बतौर मुआवजा दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ एक मौजा श्रीखंडी भिट्ठा में अर्जित भूमि का मुआवजा भुगतान प्रापत करने हेतु भू-धारियों द्वारा दावा प्रस्तुत नहीं करने के कारण 8,39,59,785 रुपये बंट नहीं सका।

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