साल के अंतिम दिन अलसायी धूप ने देर से खोली आंखें

जागरण संवाददाता, सुपौल : खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों की तरह मौसम का हाल भी साल के अंतिम सप्ताह में ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। इस सप्ताह के शुरुआती दिनों में तेज धूप निकलती थी। इसके बाद चार-पांच दिन आसमान में बादलों का डेरा बसा रहा। मंगलवार की रात से घने बादल छा गए और देर रात बाद शुरू हुई बूंदाबांदी बुधवार की शाम झमाझम बारिश में तब्दील हो गई। देर रात तक रुक-रुककर बूंदाबांदी होती रही। गुरुवार की सुबह मौसम ने पाला बदला और खिली-खिली धूप निकली जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। अब साल के अंतिम दिन शुक्रवार को अलसायी धूप ने देर से आंखें खोली। सुबह से कुहासे और बादलों का साम्राज्य कायम रहा, दोपहर बाद धूप निकली। पछुआ हवा चलने से कनकनी बढ़ गई है, फिलहाल पछुआ जारी रहने का मौसम विभाग का पूर्वानुमान है। पछुआ अगर इस कदर जारी रही तो ठंड और बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।


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खाद संकट से जूझ रहे किसानों पर मौसम मेहरबान
रबी फसल की बोआई में डीएपी और पोटाश के लिए और बारिश के बाद किसान यूरिया के लिए परेशान जरूर हैं लेकिन खाद संकट से जूझ रहे किसानों पर मौसम मेहरबान है। बुधवार को हुई बारिश से रबी फसल को फायदा हुआ है। वैसे किसान जिन्होंने बारिश से पहले सिचाई कर ली थी उनकी फसल को भी बारिश से नुकसान नहीं हुआ। जिन्होंने सिचाई नहीं की थी उन्हें फायदा ही फायदा हुआ। एक तो वे सिचाई के लिए कुछ दिन और इंतजार कर सकते हैं दूसरा यह कि बारिश बाद सिचाई करने से कम मात्रा में पानी देने से काम चल गया। इससे सिचाई में आनेवाले खर्च में बचत हुआ है। किसानों को इस बारिश से एक फायदा और हुआ है कि उनके आम-लीची के पेड़ों की सिचाई भले ही नहीं हुई हो लेकिन धुलाई हो गई है। किसानों का मानना है कि मंजर निकलने पहले अगर पेड़ों की धुलाई हो जाती है मंजर अधिक आते हैं जिससे फल अधिक लगते हैं।
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धूप निकलने बाद बढ़ी बाजार की रौनक
धूप निकलने के बाद बाजार की रौनक बढ़ गई। साल का अंतिम दिन होने के कारण नववर्ष की तैयारी के लिए लोग बाजार में सामान की खरीदारी करते नजर आए। इन सबके बीच मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि पछुआ हवा जारी रहेगी जिससे तापमान में गिरावट होगी। तापमान गिरने से कनकनी बढ़ेगी, कुहासा बढ़ेगा।

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