रफ्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए..

-साल के अंतिम दिन दिल के उद्गार को शब्दों का रूप देकर लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर किया शेयर

-किसी ने संबंधों में आए खटास को मिटाने तो किसी ने रिश्तों को नया आयाम देने का लिया संकल्प
राजेश कुमार, सुपौल : 31 दिसंबर, दीवार पर टंगे कैलेंडर जैसे ही इस तारीख का ऐलान किया कि लोग 2021 की विदाई में जुट गए। इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय लोग अपने दिल के उद्गार को शब्दों का रूप देकर एक-दूसरे को संदेश भेजने लगे। किसी ने बीत रहे साल के दौरान संबंधों में आए खटास को मिटाने तो किसी ने नए साल में रिश्तों को नया आयाम देने का संकल्प लिया। किसी ने नया कुछ करने तो किसी ने पुरानी गलतियों के लिए अपने अभिन्न से क्षमा-याचना की। देर रात तक लोगों के फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर इस तरह के संदेश फारवर्ड और शेयर होते रहे कि रफ्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए, कुछ छूट गए, रूठों को मनाना बाकी है, रोतों को हंसाना बाकी है। कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फर्ज निभाना बाकी है। कुछ हसरतें अभी अधूरी है, कुछ काम भी और •ारूरी है, ख्वाहिशें जो घुट गई इस दिल में, उनको दफनाना बाकी है, कुछ रिश्ते बनकर टूट गए, कुछ जुड़ते-जुड़ते छूट गए, उन टूटे-छूटे रिश्तों के जख्मों को मिटाना बाकी है। आहिस्ता चल जिदगी, अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है..।
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किसी ने लिखा खट्टे-मीठे अनुभवों के बीच बीत गया साल, कम हो गए जिदगी के एक साल या बढ़ गया अनुभवों का एक साल, छोड़ो इन झमेलों को उम्मीद करें सबसे अलग और सबसे नया हो नया साल। व्हाट्सएप पर सबसे अधिक यह संदेश फारवर्ड होता रहा कि बीते साल में मुझसे या मेरी बातों से जाने-अंजाने में किसी के दिल ठेस पहुंची हो तो वे दिल से क्षमा करेंगे। एक और मैसेज जो फारवर्ड हो रहा था वह यह कि विदा ले रहे साल के अंतिम दिन मेरा नमन कबूल हो क्षमा करना अगर आपके सम्मान में हमसे कोई भूल हो। साल के अंतिम दिन शुक्रवार को इसी तरह के संदेशों का आदान-प्रदान इंटरनेट मीडिया पर होता रहा। तरह-तरह के फोटो भी लाइक-शेयर होते रहे। कोई घर दूर जाकर तो कोई घर में रहकर नए साल के जश्न की तैयारी के साथ-साथ इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय रहे। आधी रात को नए साल के प्रवेश करने तक लोगों की सक्रियता इंटरनेट मीडिया पर नजर आई।

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