बाग-बगीचे में अंतरवर्ती खेती से आएगी समृद्धि, विभाग दे रहा अनुदान

जागरण संवाददाता, सुपौल : किसानों की उन्नति को ले राज्य और केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके लिए अंतरवर्ती खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्यपालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मधुमक्खी और मशरूम की खेती भी जिले में हो रही है। इसके अलावा बकरी और गोपालन का कार्य चल रहा है। इसका एकमात्र उद्देश्य है कि किसान किसी तरह से समृद्ध हो जाएं। अब एक बार फिर सरकार द्वारा अंतरवर्ती खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को ओल, अदरख व हल्दी का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसानों की आय में इजाफा हो सके। विभाग द्वारा इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। उद्यान विभाग से मिलने वाले इस बीजों पर 50 फीसद अनुदान भी है। सबसे बड़ी बात है कि इसका लाभ जिले के सभी इच्छुक किसान पा सकते हैं। इसके लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करना होगा। यह आवेदन विभाग द्वारा लेना शुरू कर दिया गया है।

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बाग-बगीचे व उसर भूमि में भी हो सकती है खेती
हल्दी, अदरख व ओल के बीज को बाग-बगीचे में लगाया जा सकता है। वही जो उसर जमीन जिसमें अन्य कोई फसल नहीं लग पाती हो उसमें भी इसकी खेती की जा सकती है। इससे किसानों को लाभ होगा। वहीं बगीचे में इसे लगाने से आम, लीची समेत अन्य फसलों के साथ इन फसलों को लगाने से किसानों को अतिरिक्त मुनाफा प्राप्त होगा। जिला उद्यान पदाधिकारी आकाश कुमार ने बताया कि पिछले साल ही इसका लाभ किसानों को देना था परंतु कोरोना के कारण इसका वितरण नहीं हो सका। इस बार जोर-शोर से प्रचारित कर किसानों से आनलाइन आवेदन कराए जा रहे हैं।
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बाजार भी आसानी से उपलब्ध
इस खेती के लिए किसानों को बाजार के लिए भी इधर-उधर भटकना नहीं होगा। खासकर अदरख और हल्दी हर घरों की जरूरत तथा औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण किसानों को उत्पादन को बेचने में मुश्किल नहीं होगी और कीमत भी अच्छी खासी मिल जाएगी। उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि इस खेती की सबसे बड़ी विशेषता है कि उसर और बेकार पड़ी जमीनों का उपयोग इस खेती के लिए किया जा सकता है। जिससे किसानों के बेकार पड़ी जमीन का उपयोग भी हो जाएगा और किसानों को इससे अतिरिक्त लाभ भी मिल जाएगा। दूसरी बात है कि इस खेती में लागत कम लगने के कारण किसानों को मुनाफा अधिक होगा।

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