यूक्रेन संकट: रात भर सो नहीं पाए, सायरन बजने के साथ ही बढ़ जाती हैं धड़कनें

संवाद सूत्र, मानसी(खगड़िया): यूक्रेन में रह रहे खगड़िया के छात्र गुरुवार को रात भर सो नहीं पाए। युद्ध शुरू होने से पूर्व उन्होंने 10 दिनों का खाद्य सामग्री स्टोर कर रखा था। जो धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। आने वाले दिनों में खाने-पीने की समस्या हो सकती है। यूक्रेन की राजधानी कीव से तीन सौ किलोमीटर दूर बैनिस्टा मेडिकल कालेज के हास्टल में रह रहे मेडिकल प्रथम वर्ष के छात्र रोहित कुमार ने शुक्रवार को मोबाइल पर जागरण को बताया कि यहां के हास्टल में बिहार के विभिन्न जिले के लगभग सौ छात्र फंसे हुए हैं। रोहित खगड़िया के मानसी प्रखंड अंतर्गत खुटिया गांव के रहने वाले हैं और अपने पड़ोसी गांव सैदपुर के मु. अब्दुल हाशिम के साथ रह रहे हैं। रोहित ने बताया कि भर रात सोया नहीं हूं। गुरुवार की तीन बजे रात जब सायरन बजा, तो सभी छात्र हास्टल के बंकर में जाकर छिप गए। सभी छात्र डर से रात भर सो नहीं सके हैं। सायरन बजने के साथ ही दिल की धड़कनें बढ़ जाती है। जैसे ही आसमान में हवाई जहाज की आवाज सुनाई पड़ती है, तो सायरन भी बजने लगता है। रोहित ने बताया कि यूक्रेन सरकार की ओर से दिशा निर्देश में कहा गया है कि तीन बार सायरन की आवाज बजते ही सभी छात्र बंकर में छिप जाएं। उन्होंने कहा कि हास्टल की कंसलटेंसी की ओर से सभी सूचनाएं छात्रों को दी जाती है। उन्होंने बताया कि युद्ध की आहट सुनकर 10 दिनों का खाना स्टाक कर रखा था। स्टाक में रखा खाना भी कम पड़ते जा रहा है। अब तो युद्ध शुरू है। आपातकाल लगा हुआ है। किसी को बाहर नहीं जाने दिया जाता है। अभी तक यूक्रेन सरकार की ओर से भारत जाने का संदेश नहीं मिला है, सिर्फ इतना कहा गया है कि जो जहां हैं, वहां सुरक्षित रहिए। रोहित के साथी मु. अब्दुल हाशिम से जब बातचीत की कोशिश की गई, तो उन्होंने बस इतना कहा, रात भर जगा हूं, थोड़ा सो लेने दीजिए। मानसी के ही बलहा निवासी मेडिकल के छात्र रवि कृष्ण ने व्हाट्सएप पर पर बताया कि ठीक- ठाक हूं।


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