अफीम और गांजा की खेती बढ़ा सकती है पुलिस की परेशानी

जागरण संवाददाता, खगड़िया: शराबबंदी को लेकर बढ़ी पुलिस की सक्रियता से सहमे तस्कर सुदूर इलाकों में अफीम और गांजा की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। तस्कर सीधे सादे किसानों के खेत बंटाईदारी पर लेकर उसमें अफीम की खेती करते हैं। एक तरफ इस धंधे को बढ़ावा देने को लेकर तस्कर तरह-तरह की तरकीब अपना रहे हैं, तो दूसरी तरफ पुलिस सतर्क और चौकस है। छापेमारी के दौरान पुलिस की निगाह इस अवैध फसल पर भी रहती है जिससे तस्करों के होश उड़े हुए हैं। अफीम और गांजा की खेती को लेकर बुआई खासकर अक्टूबर- नवंबर में होती है और फरवरी तक फसल तैयार हो जाती है। इसको लेकर हाल ही में आर्थिक अपराध इकाई के डीआइजी द्वारा सभी जिलों के एसपी को चौकसी बरतते हुए इस अवैध धंधे में लिप्त तस्करों की पहचान कर ठोस कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। पुलिस की सोच है कि फसल बुआई की शुरुआती समय में ही यदि इसकी जानकारी मिल जाए और कठोर कार्रवाई हो तो संभव है कि तस्करों का शत प्रतिशत मनोबल तोड़ने में सफलता मिलेगी।


गंगौर और बेलदौर थाना क्षेत्र में आ चुका है मामला
गंगौर ओपी अंतर्गत बभनगामा गांव के बहियार में दो साल पहले लाखों रुपये मूल्य की अफीम की खेती को पकड़ा गया था। व्यापक स्तर पर फसल को नष्ट किया गया था। कई की उस समय गिरफ्तारी भी हुई थी। उस समय सामने आया था कि गरीब किसान का खेत तस्कर बंटाई पर लेकर उसमें अफीम की खेती करता था। बेलदौर थाना क्षेत्र में भी अफीम की खेती का मामला सामने आया था। बेलदौर थाना में इस बाबत केस दर्ज किया गया था। कई पर कार्रवाई भी हुई थी। कोट
अफीम -गांजा की अवैध खेती कर अपराध को बढ़ावा देने वालों की टोह ली जा रही है। पुराने मामले में आरोपित तस्करों के गतिविधि पर भी सख्त निगाह रखी जा रही है।
अमितेश कुमार, एसपी, खगड़िया।

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