पूर्णिया में म्यूटेशन के 40 हजार से अधिक मामले लंबित, अंचल की दौड़ लगा रहे लोग

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री के निर्देशों के बावजूद जिले में म्यूटेशनू का काम धीमी गति से चल रहा है। जिले में अभी भी म्यूटेशन के 40482 हजार से अधिक मामले पेंडिग पड़े हैं। इसमें जिला मुख्यालय से सटे अंचलों में अधिक मामले लंबित हैं। संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के साथ सदर डीसीएलआर का पद रिक्त रहना भी एक बड़ा कारण बन गया है। करीब छह माह पहले डीसीएलआर के स्थानांतरण बाद यहां अब तक नए पदाधिकारी ने योगदान नहीं दिया है। तब से यह विभाग प्रभार में चल रहा है। यहां भूमि संबंधी कई मामले लंबित हैं और लोग परेशान हैं। लोग इसके लिए लगातार अंचल व डीसीएलआर कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

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मंत्री ने बैठक कर दिया था कड़ा निर्देश गत 6 अगस्त को पूर्णिया पहुंचे भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री ने प्रमंडलीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी तथा अधिकारियों को म्यूटेशन सहित भू विवादों को निपटाने के लोकर सख्त हिदायत दी थी। म्यूटेशन के मामले में अनियमितता के कई मामले सामने आने पर मंत्री ने तत्कालीन डीसीएलआर पर एक्शन लिया था तथा उनका स्थानांतरण कर दिया गया। उनकी भूमिका की जांच का निर्देश प्रमंडलीय आयुक्त एवं डीएम को दिया था। इसके अलावा भूदान की जमीन का म्यूटेशन कर दिए जाने मामले में उन्होंने पूर्णिया पूर्व के अंचलाधिकारी की भूमिका की भी जांच का निर्देश दिया था। बैठक में उन्होंने समय पर दाखिल खारिज के मामले निपटाने एवं कार्यों के प्रति इमानदारी बरतने को लेकर सख्त हिदायत दी थी। बावजूद यहां म्यूटेशन को लेकर लोगों को सीओ से लेकर डीसीएलआर दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ता है। पूर्णिया पूर्व एवं केनगर में लंबित हैं सबसे अधिक मामले
जिले में 40482 मामले अभी लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक मामले केनगर और पूर्णिया पूर्व अंचल में लंबित हैं। दरअसल जिला मुख्यालय और उससे सटे अंचलों में जमीन महंगी बिक रही है। यहां जमीन ब्रोकरों का भी बड़ा रसूख है। अमीन से लेकर बड़े अधिकारियों तक उनकी सीधी पहुंच होती है और म्यूटेशन में पेंच फंसने का एक प्रमुख कारण यह भी बताया जाता है। यहीं कारण है कि मुख्यालय की 20 से 25 किलोमीटर की परिधि वाले अंचलों में म्यूटेशन के मामले अधिक लंबित हैं। पूर्णिया पूर्व में जहां 6991 मामले पेंडिग हैं वहीं 6379 मामले लंबित हैं। कसबा में 3327, बनमनखी में 5069, अमौर में 2520, बैसा में 2116, बायसी में 1325, बीकोठी में 2089, भवानीपुर में 1857, डगरूआ में 913, जलालगढ़ में 1086, धमदाहा में 2758, रूपौली में 2167 एवं श्रीनगर में 1885 मामले पेंडिग पड़े हैं। छह माह से रिक्त है सदर डीसीएलआर का पद सदर अनुमंडल क्षेत्र में म्यूटेशन में देरी की एक बड़ी वजह यहां डीसीएलआर का पद प्रभार में रहना भी है। दरअसल छह माह पूर्व भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय जब पूर्णिया आए थे तब उन्होंने शिकायत बाद तत्कालीन सदर डीसीएलआर का स्थांनांतरण का आदेश दिया था। तब से लेकर आज तक उक्त पद प्रभारी पदाधिकारी के जिम्मे है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी को सदर डीसीएलआर का प्रभार सौंपा गया है। जबकि सदर एसडीओ के पास ला एंड आर्डर सहित कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होती हैं जिस कारण वे अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यों में अधिक समय नहीं दे पाते हैं। यही वजह है कि यहां म्यूटेशन के अधिक मामले पेंडिग पड़े हैं।

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