बिना राशि के ही विद्यालयों में शुरू हुआ मध्याह्न भोजन

- छात्रों को खाद्यान्न व डीबीटी के माध्यम से दी जा रही थी राशि

- विद्यालय प्रधानों को अपनी ही जेब करनी पड़ रही ढीली
संवाद सूत्र, सोनो (जमुई): सरकार के निर्देश के बाद सरकारी विद्यालयों में सोमवार से बच्चों को पका पकाया भोजन मिलना प्रारंभ हो गया। कोरोना संक्रमण के कारण विगत दो साल से विद्यालयों का किचन बंद था। इस एवज में बच्चों को खाद्यान्न व डीबीटी के माध्यम से राशि दी जा रही थी। सोमवार से विद्यालयों की रसोई प्रारंभ हो गई। मध्याह्न भोजन प्रारंभ होने से जहां बच्चों में उत्साह था वहीं, विद्यालय प्रधानों के चेहरे पर तनाव स्पष्ट दिख रहा था।

विभाग ने विद्यालय प्रधानों को मध्याह्न भोजन चालू करने का निर्देश तो जारी कर दिया पर इसके लिए विद्यालयों को राशि आवंटित नहीं की है। कक्षा एक से पांच तक के लिए प्रति बच्चे 4.97 रुपये व छह से आठ के लिए 7.45 रुपये की सरकारी दर से राशि खर्च हो रही है। विभाग द्वारा आवंटन कब दिया जाएगा, इसकी भी सटीक जानकारी नहीं है। लिहाजा विभागीय आदेश के कारण विद्यालय प्रधानों को फिलहाल अपनी ही जेब ढीली करनी पड़ रही है।
--
चाक डस्टर के लिए भी नहीं है राशि
विद्यालयों को पीएफएमएस द्वारा विभाग से राशि प्राप्त होनी है। लिहाजा विभाग ने सभी विद्यालयों से सभी मद की राशि को सरेंडर करवाते हुए पूर्व के खातों को छह माह पूर्व ही बंद कर दिया। जिले में सभी विद्यालयों को मध्याह्न भोजन के लिए एचडीएफसी बैंक में खाता खुला। खाता खुले छह माह से अधिक का समय बीत गया, पर विद्यालयों को किसी मद में अब तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। लिहाजा विद्यालय के आवश्यक सामग्री सहित चाक डस्टर के लिए भी विद्यालय प्रधानों को अपने ही जेब ढीली करनी पड़ रही है।
--

अन्य समाचार