रोगी कल्याण समिति के प्रस्ताव के बिना 40 लाख राशि हुई व्यय

संसू, नवहट्टा (सहरसा) : नवहट्टा सीएचसी में 40 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। चंद्रभानु पिटू के आवेदन के बाद सहरसा के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के जांच में यह खुलासा हुआ। क्षेत्रीय पर निदेशक स्वास्थ्य सेवा कोशी प्रमंडल सहरसा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जांच प्रतिवेदन सौंपते हुए कार्रवाई की बात कही है ।

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क्या है आवेदन
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नवहट्टा सीएचसी में लगभग 40 लाख की वित्तीय अनियमितता की शिकायत चंद्रभानु पिटू ने कोसी प्रमंडल के आयुक्त एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की। उन्होंने आवेदन में कहा कि राजकुमार सिंह स्वास्थ्य प्रबंधक पंचगछिया ने अपने नवहट्टा के मात्र दो महीने के कार्यकाल में 40 लाख का हेराफेरी कर अपने उपयोग में लाया। इस बात की जानकारी जिला मुख्यालय को हुई तो गलत अभिश्रव बनाकर 35 लाग का समायोजन किया।

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निजी उपयोग कर गाड़ी का
लिया सरकारी भाड़ा
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अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी की जांच में प्रभा देवी के नाम से एक वाहन के भाड़ा भुगतान देने में भी अनियमितता का खुलासा हुआ है। भाड़े के रूप में अग्रिम एक लाख 35 हजार की राशि दिए जाने की बात सामने आई। जबकि जांच टीम को मात्र भुगतान का दो विपत्र 30 हजार एवं 31 हजार का मिला। स्थानीय लोगों के अनुसार कोरोना काल के दौरान वाहन का स्वास्थ्य प्रबंधक निजी उपयोग करते थे। इसी वाहन के नाम पर सरकारी भुगतान लिया गया। साक्षी इंटरप्राइजेज , जैन पेंटिग एवं रुक्मिणी मेडिकल एजेंसी को नियमों को ताक पर रखकर राशि का भुगतान किया गया।
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स्वास्थ्य विभाग के बदले अन्य कार्य में राशि का दुरुपयोग
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वित्तीय अनियमितता की जांच के दौरान अंतरित फंड मद के दुरुपयोग का भी खुलासा हुआ। जिस राशि का व्यय मरीजों को सुविधा मुहैया कराने में करना चाहिए वह गमला और एसी खरीदने में किया गया। छोटे सामान की खरीदारी पर्दा लगाना ,पेयजल आपूर्ति को व्यवस्थित करना , नल की मरम्मत , बल्ब लगाना , प्रसव टेबल , बीपी उपकरण , वजन नापने की मशीन , प्रसव कक्ष में काम आने वाले उपकरण आपातकालीन रेफर में आने वाले खर्च परिवहन आदि पर व्यय करना था उसके स्थान पर एसी व गमला आदि पर खर्च किया गया।
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तोड़े गए आवासीय भवन का नहीं मिली ईंट
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स्वास्थय प्रबंधक ने अपने कार्यकाल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को मेल में लेकर अस्पताल के पीछे लगभग 20 फीट लंबा एक दीवार खड़ा किया। जिसका निर्माण बिना किसी निविदा निकाले किया गया । अस्पताल परिसर के ही आवासीय जर्जर भवन को तोड़कर उसके ईंट के इस्तेमाल की बात सामने आई है। जबकि इस संबंध में कोई भी प्रस्ताव रोगी कल्याण समिति या किसी समिति द्वारा पारित नहीं कराया गया। चारदीवारी निर्माण में एक लाख 86 हजार खर्च की बात भी सामने आई है।
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रोगी कल्याण समिति की बैठक में नहीं हुआ प्रस्ताव पारित
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राशि भी ऐसे पूर्व रोगी कल्याण समिति में प्रस्ताव पारित होना आवश्यक है। इसके विपरीत रोगी कल्याण समिति में लगभग 40 लाख व्यय का कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया। न ही कल्याण समिति के बैठक में खर्च से संबंधित कोई भी ब्यौरा संचिका एवं स्वास्थ्य प्रबंधक उपस्थित हुए। दिशा की बैठक में प्रखंड प्रमुख शमीम अख्तर पप्पू ने भी वित्तीय अनियमितता का मामला उठाया था।

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