जिले में अब भी 81 फीसद बच्चे कुपोषित

फोटो है

-10 फीसद बच्चे अति कुपोषण के शिकार
-कुपोषण से जंग की गंभीरता को एनएफएचएस का आंकड़ा दिखा रहा आईना
संवाद सहयोगी, जमुई : कुपोषण से जंग की कवायद के बीच जिले में कुपोषित बच्चों का आंकड़ा डरावना है। यहां छह माह से 59 माह के 81.9 फीसद बच्चे कुपोषित हैं। इनमें 10 फीसद बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं।
आंकड़ें की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने कुपोषण मुक्त समाज निर्माण के लिए चार वर्षीय कार्य योजना तैयार की है। योजना को धरातल पर उतारने के लिए पोषण अभियान का नाम दिया गया है। यह आंकड़ा नेशनल फैमिली स्वास्थ्य सर्वे-5 का है। ये आंकड़े जिले में कुपोषण के खिलाफ मुहिम में आंगनबाड़ी केंद्र, मध्याह्न भोजन योजना, स्कूलों में आयरन टेबलेट वितरण सहित अन्य योजना के क्रियान्वयन के प्रति गंभीरता को बता रहा है। सर्वे में बच्चों के साथ गर्भवती और सामान्य महिला की बड़ी आबादी कुपोषण की शिकार बताई गई है।
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60 फीसद गर्भवती एनिमिया पीड़ित
सुरक्षित मातृत्व योजना के बावजूद जिले में 60 गर्भवती एनिमिया रोग (खून की कमी) से पीड़ित है। इसमें 2.4 फीसद गर्भवती गंभीर रुप से एनिमिक यानि इनके शरीर में खून की मात्रा 7 ग्राम से भी कम है।
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कुपोषण दिखाने लगा असर
पोषण की कमी से जन्म से ही बच्चों में कई प्रकार की शारीरिक समस्या घर कर लेती है। जिले के नौनिहाल इन समस्याओं के दलदल में फंस रहे है, यह बात सर्वे के आंकड़ा साफ दर्शा रहा है। जिले में पांच साल तक 43 फीसद बच्चों की उम्र के सापेक्ष में लंबाई नहीं बढ़ी है यानि बौनापन के शिकार हो रहे हैं। इसी प्रकार 19.4 फीसद बच्चों में लंबाई के सापेक्ष में वजन नहीं बढ़ा है। इसमें 8.8 फीसद बच्चे गंभीर रुप से पीड़ित हैं। इसी प्रकार 37.5 फीसद बच्चों में उम्र के सापेक्ष में वजन नहीं बढ़ा यानि अंडर वेट हैं।
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कोट
कुपोषण से मुक्ति के लिए चार वर्षीय पोषण अभियान की योजना बनाई गई है। हर वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इलाज और जागरूकता से कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण होगा।
सुधांशु नारायण लाल, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति जमुई
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बच्चे और महिला स्वास्थ्य आंकड़ों की नजर में
अल्परक्तता -----फीसद
- छह माह से 59 माह के बच्चे जिनमें 11 ग्राम से कम खून-----81.1
- 15-49 वर्ष की सामान्य महिला जिनमें 12 ग्राम से कम खून-----76.2
- 15-49 वर्ष की गर्भवती जिनमें 11 ग्राम से कम खून--------------60.6
-बौनापन लक्षण के शिकार बच्चे---------43
-अंडरवेट बच्चे--------37.5

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