बिजली में फाल्ट से एसएनसीयू में नवजात की जान को खतरा

संवाद सहयोगी, लखीसराय। गंभीर रूप से बीमार नवजात का समुचित इलाज करने के लिए सदर अस्पताल परिसर में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस एसएनसीयू बनाया गया है। गंभीर रूप से बीमार नवजात की प्राण रक्षा के लिए एसएनसीयू के सभी उपकरण विद्युत से ही संचालित होता है। परंतु अनियमित विद्युत आपूर्ति के कारण आए दिन एसएनसीयू का उपकरण खराब होते रहता है। इस कारण एसएनसीयू में इलाजरत गंभीर रूप से बीमार नवजात की जान पर खतरा उत्पन्न हो जाता है। गत मंगलवार को कम वोल्टेज रहने के कारण एसएनसीयू का पांच वार्मर का कंट्रोल पैनल, पावर सप्लाई किट, पल्स आक्सीमीटर आदि उपकरण खराब हो गया। एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात नर्स ने एसएनसीयू में भर्ती गंभीर रूप से बीमार नवजात को दूसरे वार्मर पर रखकर जान बचाई गई। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने खगड़िया से मिस्त्री मंगवाकर एसएनसीयू में खराब पड़े वार्मर आदि उपकरणों की मरम्मत कराई गई। जानकारी के अनुसार एसएनसीयू में मानक के अनुसार बिजली उपलब्ध कराने को लेकर 50 केवी का आटेमेटिक स्टेवलाइजर लगाया गया है परंतु लगातार बिजली फ्लकचुएट होने के कारण स्टेवलाइजर खराब हो चुका है। इस कारण एसएनसीयू में बिना स्टेवलाइजर के ही बिजली की सप्लाई हो रही है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डा. राकेश कुमार की माने तो बाडीवार्मर मशीन नवजात के पेट के टेंपरेचर के अनुकूल काम करता है। इधर सदर अस्पताल प्रबंधक नंदकिशोर भारती ने बताया कि बिजली फाल्ट के कारण एसएनसीयू वार्ड में लगी अधिकांश मशीन निर्धारित अंतराल पर खराब होते रहती है। मरम्मत के लिए बरौनी से मैकेनिक को बुलाया जाता है। एक बार की मरम्मत में न्यूनतम 50 हजार से अधिक खर्च होता है। बिजली फाल्ट होने एवं लो वोल्टेज रहने को लेकर बिजली विभाग के अधिकारी से कई बार शिकायत की जा चुकी है परंतु सुधार नहीं किया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व ही बिजली विभाग को 11 लाख रुपये बिल का भुगतान किया गया है।


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