जीएमसीएच अधीक्षक ने संचिका पर अतिरिक्त सचिव के हवाले से दिया भुगतान का निर्देश, उठे सवाल

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में अधीक्षक की मनमानी एक के बाद एक सामने आ रही है। जिसमें किसी प्रक्रिया का पालन होता नहीं दिख रहा है। तभी तो एक बार फिर जिस आउटसोर्स अभिकर्ता को कार्य आवंटन के मामले में जांच रिपोर्ट विभाग के पास लंबित है उसके भुगतान प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। मजेदार बात यह है कि संचिका पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त सचिव का हवाला देकर भुगतान का निर्देश दिया जा रहा है।

अतिरिक्त सचिव कौशल किशोर ने इसे भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि यह गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए। मौखिक आदेश का वित्तीय प्रक्रिया में कोई मायने नहीं रखता है। वहां सभी कुछ बिहार वित्तीय नियमावली के अनुसार होनी चाहिए। अतिरिक्त सचिव ने इस तरह के आदेश देने की बात से इन्कार किया है। अब एक बार फिर अधीक्षक अपने कारनामों को लेकर चर्चा के केंद्र में है। जीएमसीएच में वित्तीय अनियमितता के मामले में प्रमंडलीय आयुक्त के जांच के निर्देश पर जिला पदाधिकारी ने जांच पूरा कर रिपोर्ट विभाग को प्रेषित कर दिया है। वर्तमान में काम करने वाली संस्था ग्रामीण विकास और कल्याण समिति शाहपुर पटना को बिना किसी निविदा के ही कार्य आवंटित कर दिया गया था। इसके अंतर्गत अस्पताल परिसर में अंत: एवं बाह्य सफाई, कपड़ा धुलाई, जेनरेटर द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा प्रहरी का कार्य शामिल है। वित्तीय धांधली संबंधित शिकायत जब आयुक्त के पास पहुंची तो इस मामले में जांच का निर्देश जिला पदाधिकारी राहुल कुमार को दिया गया। मामले में जिला पदाधिकारी ने जांच कर अधीक्षक के वित्तीय धांधली की बात को पुष्ट कर दिया। मामले में जांच रिपोर्ट अब विभाग में लंबित है तो फिर कैसे उसी संस्था को भुगतान की प्रक्रिया की जा सकती है। अधीक्षक संचिका पर भी अतिरिक्त सचिव के आदेश के मौखिक बात का निर्देश देकर इस मामले में एक बार नियमों के साथ खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं। अधीक्षक एक कदम आगे बढ़ते हुए जांच को ही एकतरफा घोषित कर दिया है।

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कोट के लिए -
विभागीय प्रक्रिया में वह भी जब वित्तीय मामला हो तो मौखिक आदेश मायने नहीं रखता है। इस तरह का कोई आदेश मैंने नहीं दिया है। यह बेकार की बात है। मामले में जांच रिपोर्ट विभाग के पास है उस संबंध अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। - कौशल किशोर, अतिरिक्त सचिव स्वास्थ्य, बिहार सरकार
कोट के लिए
कार्य करने वाली संस्था को भुगतान करना होगा। इस पर डीएम का जांच एकतरफा था। उस जांच के संबंध में विभाग से कोई आदेश नहीं आया है। भुगतान की प्रक्रिया की जा रही है।
डा. विजय कुमार, अधीक्षक, जीएमसीएच
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