ब्लैक स्पाट चिह्नित करने में मदद करेगा आइरेड, थाने को मिला यूजरआईडी व पासवर्ड

समस्तीपुर। जिले में सड़क दुर्घटनाओं में आइरेड (इंट्रीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस) एप कमी लाएगा। इस एप के जरिये उन स्थलों की पहचान होगी, जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं। स्थलों की पहचान के बाद वहां पर दुर्घटना रोकने के उपाय किए जाएंगे। जिले में कहीं भी सड़क दुर्घटना होती है तो संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर एप के माध्यम से आन द स्पाट इंट्री करेगी। मौके से ही दुर्घटनास्थल का फोटो लेकर उससे जुड़े तथ्य, व्यक्तियों व वाहन आदि की जानकारी भरी जाएगी। एप में दर्ज आंकड़ों का विश्लेषण आइआइटी मद्रास करेगा। इससे सड़क दुर्घटना में मृतक, घायल या सुरक्षित की वर्तमान स्थिति की तत्काल जानकारी मिल जाएगी। इससे मदद पहुंचाने में भी आसानी होगी। जिले के सभी थानों व ओपी में आइरेड एप एवं वेब पोर्टल का यूजर पासवर्ड उपलब्ध करा दिया गया है। इस एप के जरिये उन स्थलों की पहचान होगी जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती है। स्थलों की पहचान के बाद वहां पर दुर्घटना रोकने के उपाय किए जाऐंगे और स्वास्थ्य व पुलिस सेवा से उस स्थल को जोड़ा जाएगा। पुलिस अधीक्षक हृदयकांत ने इसे अमलीजामा पहनाने के लिए पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया है। एसपी ने कहा कि जिले के सभी थाना व ओपी में आइरेड एप एवं वेब पोर्टल का यूजर पासवर्ड उपलब्ध करा दिया गया है। पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार इसके नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं। -----------------------------------------------------------


सड़क दुर्घटनाओं पर केन्द्र की होगी सीधी नजर जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर केन्द्र की सीधी नजर रहेगी। दरअसल, सड़क दुर्घटनाओं पर नजर रखने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र और आइआइटी मद्रास के सहयोग से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस मोबाइल एप तैयार किया है। इस एप के जरिए यह पता चल सकेगा कि सड़क दुर्घटनाएं क्यों हो रही है। किस इलाके में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही है। जिले में कितने ब्लैक स्पॉट हैं। ऐसी तमाम जानकारी एप के जरिए डेटाबेस तैयार होकर आइआइटी मद्रास के पास पहुंचेगा। सड़क हादसों का आइआइटी मद्रास के विशेषज्ञ द्वारा विश्लेषण किया जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का प्रयास किया जाएगा। विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर पीडब्ल्यूडी-एनएचएआइ, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग के साथ मिलकर सड़क की डिजाइन और दूसरी खामियों को दूर करने का काम करेंगे। एप के माध्यम से दुर्घटनास्थल से ही आन द स्पाट इंट्री की जा सकेगी। मौके पर ही एक्सीडेंट का फोटो लेकर उससे जुड़े तथ्य, व्यक्तियों व वाहन आदि की जानकारी भरी जा सकती है। पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि यह सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। जिसका शत प्रतिशत पहल सभी थाना ओपी में करने हेतु निर्देश दिया गया है।

अन्य समाचार