ग्राम पंचायतों पर कस रहा आयकर का शिकंजा

- भुगतान के विरुद्ध स्त्रोत पर कर कटौती की मांगी जा रही विवरणी

- सभी पंचायतों को मिल रहा आयकर विभाग का नोटिस
- विवरणी दाखिल होते ही टैक्स चोरी करने वाले वेंडरों पर कसेगा शिकंजा
अरविद कुमार सिंह, जमुई : पंचायतों में भुगतान की प्रक्रिया आनलाइन होते ही आयकर का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। अब पंचायतों को नोटिस भेजकर भुगतान के विरुद्ध स्त्रोत पर कर कटौती की विवरणी मांगी जा रही है। आयकर विभाग के इस कदम से पंचायतों के हाथ पांव फूलने लगे हैं। साथ-साथ टैक्स चोरी करने वाले वेंडरों के बीच हड़कंप मच गया है।

कहा जाता है कि ई ग्राम स्वराज पोर्टल तथा पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम का ही फायदा आयकर विभाग उठा रहा है। पंचायतों से भुगतान का पूरा विवरण लेकर अब टीडीएस की कटौती और व्यय शीर्षवार की गई टीडीएस की कटौती का डिटेल मांगा गया है। इधर जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने भी आयकर विभाग के मिजाज को देखते हुए पंचायत समिति एवं पंचायतों में जीएसटी एवं टैन नंबर लिए बगैर किसी भी प्रकार के विपत्र भुगतान पर रोक लगा दी है। इस रोक से वर्तमान एवं पूर्व प्रतिनिधियों खासकर मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों की बेचैनी बढ़ गई है। अब उन लोगों की होली फीकी हो जाने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि इसके पहले जीएसटी एवं टीडीएस की कटौती किए बगैर विपत्र भुगतान को लेकर महालेखाकार की भी आपत्ति आ चुकी है।
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केस स्टडी
टीडीएस वार्ड बेगूसराय के आयकर अधिकारी विवेकानंद ने झाझा प्रखंड के बलियाडीह पंचायत के मुखिया को नोटिस प्रेषित कटौती का विवरण तलब किया है। बलियाडीह पंचायत में 2021-22 के अंतर्गत एक करोड़ सात लाख 35 हजार 715 रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ। इसके विरुद्ध 72 लाख रुपये का कार्य किया गया। भुगतान पर आयकर अधिनियम 1961 के तहत टीडीएस कटौती का प्रावधान है। अधिकारी ने विभिन्न मद में किए गए भुगतान तथा इस पर की गई कटौती का विवरण मांगा है। वांछित विवरण में ग्राम पंचायत का नाम, पता, उत्तरदायी व्यक्ति कर कटौती का नाम, मोबाइल नंबर एवं ईमेल आइडी तथा ग्राम पंचायत का टैन नंबर शामिल है। इसके अलावा भुगतान की विवरणी में व्यवसायिक एवं तकनीकी शुल्क भुगतान, संविदा से संबंधित वेतन व मजदूरी भुगतान, परिवहन से संबंधित भुगतान एवं अन्य व्यय का भी लेखा-जोखा देना होगा। यह हिसाब सिर्फ बलियाडीह ही नहीं बल्कि सभी 153 पंचायतों से मांगा गया है।
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कोट
सभी पंचायत समिति एवं पंचायत को जीएसटी तथा टैन नंबर लेने की हिदायत दी गई है। साथ ही जीएसटी एवं टीडीएस कटौती कर संबंधित विभाग को भुगतान किए बगैर किसी भी प्रकार के विपत्र भुगतान को वर्जित किया गया है।
शशांक कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जमुई

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