कुछ लोग काबिल हैं, उन्हें शराबबंदी में भी बुराई दिखती है

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। क्या कीजिएगा..। कुछ लोग ज्यादा काबिल होते हैं। उन्हें शराबबंदी में भी बुराई दिखती है। दरअसल उन्हें न समाज की फिक्र है और न अन्य किसी की। एक मात्र काम विरोध करना है। ऐसे लोगों को पहचान कर रखिए, क्योंकि ऐसे लोगों को भी सबक सिखाना जरूरी है। समाज सुधार अभियान में पूर्णिया पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को पूरे अलग अंदाज में दिखे।

लगभग 60 मिनट के अपने संबोधन के दौरान उन्होंने विपक्षियों पर भी खूब व्यंग्य वाण चलाया। अपने संबोधन के दौरान पूरे सात बार इस कथन को दोहराया कि कुछ लोग काफी काबिल हैं। निश्चित तौर पर उनके निशाने पर उन दलों के नेता रहे, जो शराबबंदी पर सवाल उठाते रहे हैं। इसी तरह समाज सुधार यात्रा को निरर्थक बताने वालों को भी उन्होंने आड़े हाथों लिया। उन्होंने लोगों को समझाते हुए कहा कि अब ऐसे काबिल लोगों को कौन समझाए कि देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी शराब को समाज के लिए कोढ़ बताया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ही उन्होंने शराबबंदी का भी अभियान चलाया था। बापू ने उस समय यह कहा था शराब केवल पैसा ही नहीं छिनता, बुद्धि भी हर लेती है। साथ ही शराब इंसान को हैवान बना देता है। बापू जैसे व्यक्तित्व की बात को गलत करार देने वाले लोग को अब क्या कहिएगा..। लड़का से लड़का शादी नहीं करेगा ना हो, तो फिर दहेज काहे..

दहेज पर चर्चा करते हुए भी उनका अंदाज बिल्कुल अलग रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई लड़का वाला दहेज की मांग करता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। लड़की वाले अगर उनके यहां जाना छोड़ दे तो फिर वे क्या करेंगे। अरे भाई, लड़का से लड़का का शादी तो होगा नहीं, ऐसे में लड़की चाहिए तो फिर दहेज छोड़ना ही होगा। उन्होंने कहा कि अब इस बात का भी संकल्प लेने का समय आ गया है कि दहेज वाली शादी में भाग नहीं लेना है। यह हर किसी का दायित्व है। इसके लिए लड़कियों को शिक्षित करना भी जरुरी है।
शायराना अंदाज में शुरू हुए उपमुख्यमंत्री, सरकार के कार्यों को सराहा
पूर्णिया: उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने समाज सुधार अभियान कार्यक्रम में अपने संबोधन की शुरुआत शेरो-शायरी से ही की। उन्होंने बिहार में आए बदलाव व अब सामाजिक सुधार को लेकर शुरु हुए अभियान के लिए मुख्यमंत्री के भागीरथ प्रयास की सराहना की। इसकी शुरुआत उन्होंने यूं की..। यूं ही नहीं मिल जाती है राही को मंजिल, एक जुनून दिल में जगाना पड़ता है, जब पूछा चिड़िया से की कैसे बना आशियाना तो चिड़िया ने कहा, भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार, तिनका-तिनका उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का गौरव और गरिमा पुनस्र्थापित हुआ है।

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