वर्दी के नशे में कर्तव्य को भूल गए थे चौथम थानाध्यक्ष

जागरण संवाददाता, खगड़िया: चौथम के थानेदार मुरारी कुमार को एसपी ने निलंबित कर दिया है। कहा जा रहा है कि चौथम के तत्कालीन थानेदार मुरारी कुमार अपनी अलग राह पर चलते रहे। पुलिस अधिकारी बार-बार उन्हें संभलने का मौका भी देते रहे। मगर मुरारी कुमार वर्दी के नशे में सबकुछ भूलते गए। पुलिस सूत्रों की माने तो एक पखवारा पहले सदर एसडीपीओ सुमित कुमार द्वारा थाना का निरीक्षण किया जाना था। इसके लिए 10 दिन पहले से थानाध्यक्ष मुरारी कुमार को अलर्ट किया जाता रहा। मगर जब एसडीपीओ थाना के निरीक्षण को पहुंचे तो कई महत्वपूर्ण फाइलें अधूरी ही पाई गई। जब थानाध्यक्ष से पूछा गया तो वे अगर मगर कर टालमटोल करने लगे। बताया जाता है कि थानाध्यक्ष की मनमानी और लापरवाही की शिकायत एसपी अमितेश कुमार से की गई थी। इससे पहले लोगों ने बाइक चोर को रंगे हाथों पकड़कर थाना पुलिस को सौंपा था। चोर भाग गया। एसपी द्वारा थानाध्यक्ष से जवाब तलब किया गया। मगर थानाध्यक्ष ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वरीय अधिकारी भी उनके जवाब को देखकर नहीं समझ पाए कि थानाध्यक्ष ने चोर को भगा दिया अथवा अन्य कारणों से चोर भाग गया था। पंचायत चुनाव के समय धुतौली पंचायत में शराब बरामदगी को लेकर उठे विवाद में थानाध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने जान-बुझकर निर्दोष को भी केस में आरोपित कर दिया। ई- रिक्शा चालक त्रिलोकीनाथ का अपहरण कर लिया गया। उसकी पत्नी पूनम देवी ने शिकायत की। थानाध्यक्ष ने काफी मशक्कत बाद केस तो दर्ज किया, मगर सकारात्मक कार्रवाई नहीं कर पाए। कुछ दिनों के बाद पसराहा क्षेत्र से ई- रिक्शा बरामद किया गया। मगर चार महीना बीत जाने के बाद भी थानाध्यक्ष ने इस ओर प्रयास नहीं किया कि त्रिलोकीनाथ जिदा है अथवा उसकी हत्या कर दी गई। आज भी उसके स्वजन परेशान हैं। समाहरणालय के समक्ष धरना देकर थानाध्यक्ष को हटाने तक की मांग की गई थी। कोट


कर्तव्यहीनता और लापरवाही मानते हुए थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई भी चलेगी। किसी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
अमितेश कुमार, एसपी, खगड़िया। बाक्स
क्या चौथम थाना को किराना दुकानदार चलाता था
जागरण संवाददाता, खगड़िया: क्या चौथम थाना को थानेदार के बदले एक किराना दुकानदार चलाता था। थानाध्यक्ष मुरारी कुमार के निलंबन बाद से यह चर्चा जोरों पर है कि एक किराना दुकानदार थानाध्यक्ष मुरारी कुमार को जो कहता था वे वही सुनते थे। आरोप यह भी है कि डील किराना दुकानदार से होता था और तब क्या करना है थानाध्यक्ष निर्णय लेते थे। कहा यह भी जा रहा है कि पहले भी कई थानेदार किराना दुकानदार की गिरफ्त में रहे थे। पुलिस के एक वरीय पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इस तरह की शिकायत कई लोग मौखिक रूप से करते रहे। मगर स्पष्ट प्रमाण नहीं मिलने के कारण इस मामले में कुछ भी कह पाना मुनासिब नहीं होगा।

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