सशक्त हुई महिलाएं तो संभालने लगी जिम्मेदारी

संवाद सहयोगी, लखीसराय। कम नहीं ये किसी से साबित कर दिखलाएगी, खोल दो बंधन इनके हर मंजिल पा जाएगी.. इस पंक्ति को आज महिलाएं हर क्षेत्र में चरितार्थ कर रही है। आठ मार्च को महिला दिवस काफी महत्वपूर्ण दिवस है। यह दिवस महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा, प्यार और देखभाल का उत्सव के रूप में मनाया जाता है। महिलाओं को सशक्त बनाना समाज की एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। प्रत्येक साल आठ मार्च को अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस देश भर में मनाया जाता है। आरक्षण के साथ ही महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का असर लखीसराय जिले में दिखने लगा है। यहां हर क्षेत्र में महिलाएं परचम लहरा रही है। नक्सल प्रभावित लखीसराय जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा के क्षेत्र में महिलाएं तेजी से आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। जिले में अभी 20 महिला पुलिस पदाधिकारी और 141 महिला सिपाही विधि व्यवस्था की कमान संभाल रखी है। जिले के सभी 18 पुलिस थानों में एक-एक महिला अफसर के अलावा महिला सिपाही बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। हाल में संपन्न पंचायत चुनाव में 70 फीसद महिलाएं निर्वाचित होकर अपने गांव और क्षेत्र के विकास की कमान संभाल रखी है। जिले में तीन महिला वरीय उपसमाहर्ता प्रेमलता कुमारी, हिना और प्रिया कुमारी सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभा रही है। जिला पंचायत राज विभाग में पंचायत स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। जिले में 12 महिला लेखापाल, नौ डाटा आपरेटर, तीन कार्यपालक सहायक और एक महिला बीपीएम पंचायतों के विकास कार्य से लेकर विभागीय लेखा-जोखा जैसे कार्य कर रही हैं। शिक्षा विभाग में करीब डेढ़ हजार महिला शिक्षिका सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की अलख जगा रही है। जिले में जीविका के माध्यम से 1,500 से अधिक ग्राम संगठनों से जुड़ी महिलाएं अपने गांव में रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन रही है। स्वास्थ्य विभाग में भी महिला डाक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ ने कोरोना काल में अपनी सेवा देकर मिसाल कायम की है। हर क्षेत्र में नारी शक्ति की सक्रियता परिवर्तन का संकेत दे रहा है। इससे महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है।


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