हत्या मामले में पति-पत्नी को आजीवन कारावास



जागरण संवाददाता, सुपौल: करीब 3 वर्ष पूर्व भूमि विवाद में पीट-पीट कर की गई हत्या के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम संजय कुमार की कोर्ट ने घटना में शामिल पति-पत्नी को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला मरौना थाना कांड संख्या 76/19 तथा सत्र वाद संख्या 335/19 से संबंधित है। जिसमें थाना क्षेत्र के हररी पंचायत स्थित बोदराही गांव निवासी रामकृष्ण यादव की हत्या सहोदर भाई और भाभी ने पीट-पीट कर कर दी थी। मामले को लेकर मृतक की पत्नी रामवती देवी ने उक्त मामला दर्ज कराई थी।
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क्या था मामला
पुलिस को दिए अपने बयान में मृतक की पत्नी रामवती देवी ने कहा था कि उसके पति चार भाई थे। वे अपने हिस्से की जमीन बांटकर इन लोगों से अलग जीवन-यापन कर रहे थे। शेष तीन भाई एक साथ ही रहते थे। कुछ दिन बाद दो भाई देव नारायण यादव और देवेंद्र यादव दोनों जमीन का बंटवारा कर लेना चाहते थे। लेकिन इसका विरोध तीसरा भाई रामाशीष यादव कर रहा था। इसी बात को लेकर 6 जुलाई 2019 को तीनों भाइयों में कहासुनी होने लगी। बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गई। भाइयों के बीच मारपीट होते देख जब उसका पति रामकृष्ण यादव बीच-बचाव करने गया तो रामाशीष यादव और उसकी पत्नी अमेरिका देवी उनके पति पर धारदार हथियार से प्रहार करने लगा। जिससे उसका पति गंभीर रूप से घायल हो गया। इस अवस्था में भी वे लोग उनके साथ मारपीट करते रहा। जिससे उनके पति की मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
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पति-पत्नी को आजीवन कारावास
सुनवाई उपरांत उक्त कोर्ट ने रामाशीष यादव और उनकी पत्नी अमेरिका देवी को दोषी करार करते हुए भादवि की धारा 341 के तहत 1 माह कारावास, धारा 323 के तहत 1 वर्ष कारावास, धारा 324 के तहत 3 वर्ष कारावास, धारा 325 के तहत 7 वर्ष कारावास एवं 5000 अर्थदंड, धारा 326 के तहत 10 वर्ष कारावास एवं 5000 अर्थदंड, धारा 307 के तहत 10 वर्ष कारावास एवं 10000 अर्थदंड, धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 20000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सुनाई गई सभी सजा जहां साथ-साथ चलेगी वही अर्थदंड की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त 6 माह की सजा भुगतनी होगी। जबकि पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि सुनाई गई सजा में समायोजित की जाएगी। इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर अपर लोक अभियोजक कमल नारायण यादव तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विनोद कांत झा ने बहस में हिस्सा लिया। इस मामले में कोर्ट द्वारा 25 फरवरी को ही दोषी करार दिया गया था।

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