रामनगर में अग्निशमन विभाग के पास एक भी गाड़ी नहीं, लोग खुद बुझाते आग

रामनगर। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। फागुन में हवा भी तेज चलती है। जिससे अगलगी की घटना होना आम बात है। इन दिनों में सबसे अधिक जिम्मेदारी अग्निशमन विभाग की होती है। पर, स्थानीय स्तर पर इसकी व्यवस्था नहीं है। हालांकि वर्ष 2016-17 में स्थानीय थाने को एक छोटा वाहन मिला था। जिससे लोगों में खुशी थी। इस वाहन से कई जगहों पर लगी आग को बुझाने में मदद भी मिली थी। पर, बीते करीब एक डेढ़ माह पहले ही विभाग के द्वारा इस वाहन को वापस बुला लिया गया। जिसके कारण अभी यहां आग बुझाने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। हालांकि किन परिस्थितयों में इसे वापस बुलाया गया है। इसके बारे में किसी के पास कोई समुचित जवाब भी नहीं है।


बता दें कि अभी बीते फरवरी में भी एक दुकान में आग लगी थी। जिसको बुझाने के लिए बगहा, नरकटियांगज व बेतिया से अग्निशमन वाहन बुलाए गए थे। आग इतनी भयंकर थी कि इसको काबू में करने में ही 10 घंटे से अधिक समय लगे थे। स्थानीय लोगों की मानें तो, यह स्थिति स्थानीय स्तर पर वाहन नहीं रहने के कारण हीं हुआ था। अपने बलबूते आग पर काबू पाते हैं लोग, नप व चीनी मिल का टैंकर बनता है मददगार बीते तीन-चार सालों को छोड़ दिया जाए तो, नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लगी आग पर लोग खुद अपने बलबूते ही पार पाते हैं। हालांकि नगर क्षेत्र व नगर के आसपास के क्षेत्रों में चीनी मिल का पानी टैंकर व नप का टैंकर काफी मददगार साबित होता है। पर, दूर दराज के क्षेत्रों में काफी परेशानी होती है। बता दें कि बीते कुछ वर्षों में जुड़ा पकड़ी व फगुनहटा आदि गांवों में आग से काफी घर जले थे। वहीं कई मवेशी भी अगलगी की भेंट चढ़ गए हैं। जबकि एक बालक को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ऐसे में स्थानीय स्तर पर दमकल की काफी जरूरत है। बयान : पहले वाले छोटे वाहन को वापस भेज दिया गया है। स्थानीय स्तर पर अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए एक बड़ा व एक छोटे अग्निशमन वाहन की मांग की गई है।
कपूरनाथ शर्मा, पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष

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