मुंगेर विवि के कालेजों में गेस्ट टीचर होंगे बहाल : कुलपति

जागरण संवाददाता, शेखपुरा:

मुंगेर विश्वविद्यालय के कालेजों में शिक्षकों की कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा। इसके लिए बड़ी संख्या में गेस्ट शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय के कालेजों में यह कमी दूर हो जाएगी। यह बात मंगलवार को कुलपति प्रो (डॉ) श्यामा राय ने शेखपुरा के आरडी कालेज में कही। कुलपति कालेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर का उद्घाटन करने आई थीं। कालेज में कुलपति का भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कई और पदाधिकारी भी शामिल हुए। कुलपति ने स्वीकार्य किया कि विश्वविद्यालय के कालेजों में शिक्षकों की कमी है और इससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी कमी को पूरा करने के लिए गेस्ट शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू की गई है। शेखपुरा के कालेजों में भी शिक्षकों की कमी दूर की जाएगी। राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर का उद्घाटन करते हुए कुलपति ने कहा कि इसका विस्तार कालेजों में किया जाएगा। छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ने की अपील की। राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़कर आप समाज को नई दिशा दे सकते हैं तथा समाज को उन्नत बनाने में अपना सहयोग कर सकते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना विद्यार्थियों को सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने का बड़ा माध्यम है। इसके माध्यम से कालेजों के विद्यार्थी स्वच्छता, पौधारोपण तथा जल-जीवन-हरियाली की योजना का संवाहक बन रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रिसिपल डॉ दिवाकर कुमार ने किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के विवि समन्वयक डॉ राहुल कुमार भी शामिल हुए।

यूक्रेन से लौटा अंजन,माता पिता ने ली राहत की सांस
संस,बरबीघा:
सोमवार की देर शाम यूक्रेन में फंसे परसोबीघा निवासी छात्र अंजन अपने घर पहुंच गया। जिला प्रशासन के द्वारा वाहन भेज कर पटना एयरपोर्ट से उसे रिसीव कर उसके घर पहुंचाया गया। पिता मनोज सिंह भी उसी वाहन से पुत्र को लाने पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर पिता से मुलाकात के बाद दोनों काफी भावुक हो गए। घर पहुंचने के बाद दूसरे दिन उनसे मिलने वाले लोगों का तांता लगा रहा। बीजेपी नेता वरुण सिंह ने छात्र अंजन को माला पहना कर स्वागत किया। वहीं छात्र ने बताया कि युद्ध के दौरान उनका अनुभव काफी भयावह रहा। छात्र अभी भी उस भीषण तबाही के बारे में सोच भयभीत दिख रहा है। उसने इस भीषण युद्ध एवं दर्दनाक मंजर को साझा करते हुए कहा कि किस तरह से दो घंटे में खर्कीव छोड़ने का निर्देश भारत सरकार के द्वारा मिला और किस तरह से वह भूखे प्यासे पैदल एवं बस के सहारे चार दिन के बाद अपने घर लौट पाया। खर्कीव से पैदल यात्रा के दौरान उनके साथ कुल एक हजार छात्र थे। जिनके ऊपर आसमान में रूसी मिसाइल फटा और उसके फटने से बिल्डिग का कांच टूट कर उसके मलबे उनके शरीर पर गिरे। जिसके बाद हुए अफरा-तफरी के बीच कुल 500 छात्र तो बिछड़ गए पर आधे छात्र -छात्राओं को यूक्रेनी सेना ने मदद की और उन्हें अपने बंकर में छुपने का आश्रय दिया। छात्र खर्कीव मेडिकल कॉलेज में चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। छात्र ने भारत सरकार से यूक्रेन में फंसे अन्य छात्र-छात्राओं की जल्द वापसी के लिए निवेदन किया है। इधर, छात्र के पिता ने यूक्रेन से आधे अधूरे पढ़ाई छोड़कर आने वाले बिहारी छात्रों के लिए बिहार सरकार से विशेष व्यवस्था की मांग की है।
जागरण संवाददाता, शेखपुरा:
खगड़िया में एक न्यायिक पदाधिकारी के साथ तैनात होमगार्ड जवान की पिटाई से हुई मौत के विरोध में मंगलवार को शेखपुरा में होमगार्ड जवानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया। धरना के बाद डीएम को संयुक्त ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में होमगार्ड जवान की पिटाई करने वाले पदाधिकारी पर हत्या का मुकदमा करने तथा मृतक होमगार्ड जवान के परिवार की सरकार से आर्थिक मुआवजा दिलाने की मांग की गई है। एक दिन का यह धरना बिहार गृह रक्षा वाहिनी संघ के केंद्रीय आह्वान पर हुआ। शेखपुरा में इसकी अगुवाई संघ के अध्यक्ष कुंदन कुमार ने किया। इसमें सचिव हरेराम सिंह के साथ जालो सिंह, राजेंद्र सिंह व राजनीति सिंह सहित बड़ी संख्या में होमगार्ड के जवान भाग लिया। धरनास्थल पर जवानों ने सबसे पहले दो मिनट का मौन रखकर मृतक साथी को श्रद्धांजलि दी।
यूक्रेन से लौटा अंजन,माता पिता ने ली राहत की सांस
संस,बरबीघा:
सोमवार की देर शाम यूक्रेन में फंसे परसोबीघा निवासी छात्र अंजन अपने घर पहुंच गया। जिला प्रशासन के द्वारा वाहन भेज कर पटना एयरपोर्ट से उसे रिसीव कर उसके घर पहुंचाया गया। पिता मनोज सिंह भी उसी वाहन से पुत्र को लाने पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर पिता से मुलाकात के बाद दोनों काफी भावुक हो गए। घर पहुंचने के बाद दूसरे दिन उनसे मिलने वाले लोगों का तांता लगा रहा। बीजेपी नेता वरुण सिंह ने छात्र अंजन को माला पहना कर स्वागत किया। वहीं छात्र ने बताया कि युद्ध के दौरान उनका अनुभव काफी भयावह रहा। छात्र अभी भी उस भीषण तबाही के बारे में सोच भयभीत दिख रहा है। उसने इस भीषण युद्ध एवं दर्दनाक मंजर को साझा करते हुए कहा कि किस तरह से दो घंटे में खर्कीव छोड़ने का निर्देश भारत सरकार के द्वारा मिला और किस तरह से वह भूखे प्यासे पैदल एवं बस के सहारे चार दिन के बाद अपने घर लौट पाया। खर्कीव से पैदल यात्रा के दौरान उनके साथ कुल एक हजार छात्र थे। जिनके ऊपर आसमान में रूसी मिसाइल फटा और उसके फटने से बिल्डिग का कांच टूट कर उसके मलबे उनके शरीर पर गिरे। जिसके बाद हुए अफरा-तफरी के बीच कुल 500 छात्र तो बिछड़ गए पर आधे छात्र -छात्राओं को यूक्रेनी सेना ने मदद की और उन्हें अपने बंकर में छुपने का आश्रय दिया। छात्र खर्कीव मेडिकल कॉलेज में चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। छात्र ने भारत सरकार से यूक्रेन में फंसे अन्य छात्र-छात्राओं की जल्द वापसी के लिए निवेदन किया है। इधर, छात्र के पिता ने यूक्रेन से आधे अधूरे पढ़ाई छोड़कर आने वाले बिहारी छात्रों के लिए बिहार सरकार से विशेष व्यवस्था की मांग की है।

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