आंगनबाड़ी केंद्रों पर 13 मार्च तक लगाए जाएंगे 12 प्रकार के टीके

संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): बीडीओ सुनील कुमार ने मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके तहत मध्य विद्यालय भैंसाडीह परिसर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 100 पर मिशन इंद्रधनुष के तहत छूटे हुए गर्भवती एवं पांच आयु वर्ग से कम उम्र वाले बच्चों को नियमित टीकाकरण किया गया। यह कार्यक्रम सात से 13 मार्च तक प्रखंड क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलेगा। इसके तहत 12 प्रकार के टीके- डिप्थीरिया, टेटनस, हेपेटाइटिस बी, विजिल्स आदि के टीके लगाए जाएंगे। इस मौके पर पीएचसी प्रभारी डा. मुकेश कुमार, विनोद कुमार यादव, पल्स पोलियो कर्मी प्रिस कुमार, प्रधानाध्यापक आलोक कुमार, अंकित कुमार, आशा रीना देवी, सेविका उर्मिला कुमारी आदि मौजूद थे।


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संवाद सूत्र, चौथम (खगड़िया): सीएचसी चौथम में दिव्यांग जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर डा. ऋचा कुमारी, डा. अपूर्व अमन व डा. पंकज कुमार मौजूद थे। शिविर में विभिन्न पंचायतों से डेढ़ सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। आवेदन के आलोक में दिव्यांगता की जांच की गई। जांच के बाद सभी को यूडीआइडी कार्ड उपलब्ध कराया गया।
इस मौके पर डा. ऋचा कुमारी ने बताया कि सरकार की ओर से सभी दिव्यांगों का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। दिव्यांगों को यूडीआइडी कार्ड दिया जा रहा है। यूडीआइडी कार्ड से मालूम हो सकेगा कि संबंधित दिव्यांग का पता व कितना प्रतिशत दिव्यांग हैं। उन्होंने बताया कि सभी दिव्यांगजनों का आनलाइन रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है। इस मौके पर आशा देवी, पांडव यादव आदि मौजूद थे।
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संवाद सूत्र, चौथम (खगड़िया): सरकार की ओर से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत बंध्याकरण की स्थिति तो काफी बेहतर है, लेकिन नसबंदी दयनीय हालत में है।
बीते चार वर्षों के बंध्याकरण के आंकड़े पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में जनसंख्या नियंत्रण में काफी आगे है। चौथम सीएचसी के अनुसार वर्ष 2018-19 में 667 बंध्याकरण हुआ। जबकि नसबंदी शून्य रही। वर्ष 2019-20 में 619 बंध्याकरण और तीन नसबंदी हुआ। वर्ष 2020-21 में 642 बंध्याकरण और नसबंदी शून्य रहा। वर्ष 2021-22 में अबतक 535 बंध्याकरण हो चुका है, लेकिन नसबंदी शून्य है।
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कोट
जनसंख्या नियंत्रण में पुरुषों को आगे आना चाहिए। बंध्याकरण की अपेक्षा नसबंदी काफी साधारण आपरेशन है। नसबंदी से पुरुष की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। बावजूद पुरुष जनसंख्या नियंत्रण में रुचि नहीं ले रहे हैं।
डा. ऋचा कुमारी, चौथम सीएचसी।

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