निजी अस्पतालों को संस्थागत प्रसव की नियमित करनी होगी रिपोर्टिंग

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। संस्थागत प्रसव बढ़ाने और पोर्टल पर आंकड़ा अपलोड करने के लिए 32 निजी अस्पतालों को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है। जच्चा -बच्चा संपूर्ण देखभाल और फोलोअप के लिए पोर्टल पर डाटा दर्ज करना आवश्यक है। इसके लिए निजी अस्पताल में प्रसव कराने वाली गर्भवती महिलाओं का आंकड़ा भी दर्ज किया जाएगा।

निजी अस्पताल जन्म के बाद सभी आवश्यक जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाएंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा अन्य अस्पतालों, निजी अस्पतालों में जहां संस्थागत प्रसव होता है उसकी जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करानी है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को हर महीने की दस तारीख तक पूरे माह हुए प्रसव संबंधी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल एचआईएमएस पोर्टल पर दर्ज करने का निर्देश दिया है। दर्ज रिपोर्ट का मूल्यांकन कर स्वास्थ्य विभाग में मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए आवश्यक उठाए गए हैं।
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जिसपर सभी संस्थाओं ने पूरे माह हुई कुल प्रसव की जानकारी दर्ज की जानी है। इसके लिए सभी निजी नर्सिंग होम व क्लीनिक को लाग इन आईडी व पासवर्ड उपलब्ध कराई गई है। जिसकी सहायता से निजी स्वास्थ्य संस्थान ने लोगों को प्रदान की जा रही सेवाओं से संबंधित आंकड़ों को समेकित कर संस्थान स्तर से ही पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। जिला स्तर पर जिला मूल्यांकन एवं पर्यवेक्षण पदाधिकारी इसका नियमित मूल्यांकन किया जाएगा। सूचना मिलने पर विभाग को मातृ एवं शिशु के जन्म और मृत्यु संबंधी सभी जानकारी उपलब्ध होगी। जिससे मृत्यु दर कम किया जाएगा। 32 निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को निर्देश -:
जिले के प्रसव सुविधाएं मुहैय्या कराने वाली 32 निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक को अपने संस्थान में रही प्रसव संबंधी जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। संस्था में हुए कुल प्रसव, सामान्य और सिजेरियन प्रसव, कमजोर शिशु का जन्म, प्रसव के दौरान 15 से 49 वर्ष के महिलाओं की मृत्यु प्रसव के लिए 24 घंटे तक एक माह एक साल के अंदर हुई है। महिलाओं और शिशुओं की मृत्यु संबंधी सभी तरह की जानकारी दर्ज की जाएगी। जिले में संस्थागत प्रसव भी इससे बढ़ने की उम्मीद है। जिले में वर्तमान ने 68.9 फीसद संस्थागत प्रसव हो रहा है। अभी भी 32 फीसद संस्थागत प्रसव से वंचित हैं। सिविल सर्जन डा. एसके वर्मा ने कहा नियमित निजी अस्पतालों की रिपोर्टिंग का असर संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के साथ नियमित फोलोअप में मददगार साबित होगा।
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