50 फीसदी बच्चों में वायरल बुखार का मिल रहा लक्षण

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संवाद सूत्र, मुंगेर : विगत दो सप्ताह से बच्चो में वायरल बुखार की शिकायतें ज्यादा मिल रहीं हैं। बात सिर्फ हम सदर अस्पताल की करें तो औसतन 80 से 100 बच्चे हर दिन इलाज के लिए पहुंच रहें है, इसमें से 50 फीसद बच्चों वायरल फीवर का लक्षण मिल रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि मौसम में आए बदलाव के कारण बच्चो में वायरल बुखार की संभावना बढ़ गई है। इसकी वजह बच्चो के खान-पान भी हो सकता है। शहर में लगभग आधा दर्जन क्लीनिक में शिशु रोग विशेषज्ञ बच्चों का इलाज करते है, यहां भी वायरल फीवर से संबधित बीमार बच्चे पहुंच रहे हैं। शनिवार को सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में वायरल फीवर के दो बच्चे भर्ती थे। इसमें विदवारा के पकंज कुमार की पुत्री सृष्टि कुमारी और अमारी के नसीम का इलाज शिशु वार्ड में चल रहा है। कई स्वजन दवा लेकर घर गए।

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सर्दी-खांसी हो तो बच्चों से रहें दूर
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अजय कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों में वायरल बुखार का मामला आ रहा है। 100 में 50 बच्चे वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं। बच्चे के माता-पिता या किसी सदस्य को वायरल फीवर, सर्दी, खांसी है तो कुछ दिन बच्चे से दूर रहने की जरूरत है। साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखने की जरूरत है। अस्पताल में आने वाले बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। ज्यादातर लोग धूप से आने के बाद फ्रीज में रखे पानी पीते हैं, यह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। रात में एंटी एलर्जी की दवा का सेवन करना जरूरी है।
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वायरल बुखार का लक्षण
बच्चों में वायरल बुखार का मुख्य लक्षण सर्दी, गले में दर्द, चिड़चिड़ापन, खांसी, तेज बुखार, शरीर में ऐंठन होना मुख्य है। अभी जितने भी बच्चे सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, सभी में लगभग इस तरह की शिकायतें देखने को मिल रही है।

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