अब सभी प्रखंडों में ट्रूनेट मशीन से होगी यक्ष्मा मरीजों की जांच

-अब टीबी मरीजों की पहचान को लेकर किया जाएगा ट्रूनेट मशीन का प्रयोग

-कोरोना काल के दौरान मरीजों की जांच को लेकर ट्रनेट मशीन का किया जा रहा था प्रयोग
संवाद सहयोगी, जमुई: जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष पहल की जा रही है। टीबी उन्मूलन को लेकर विशेष अभियान के तहत जिले के सभी प्रखंडों में ट्रूनेट मशीन के माध्यम से टीबी मरीजों की पहचान की जाएगी। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जिले के सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा है कि विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा जारी ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना काल के दौरान टीबी उन्मूलन का लक्ष्य काफी हद तक प्रभावित हुआ है। ऐसे में जांच की प्रक्रिया को सु²ढ़ करने की आवश्यकता है। कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा है कि कोरोना काल के दौरान जिला स्तर पर उपलब्ध कराए गए ट्रूनेट मशीन के माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही थी परंतु वर्तमान में राज्य के 21 जिलों में कोरोना संक्रमण के मरीज नहीं है एवं संक्रमण दर भी काफी हद तक कम हो गया है। इसे देखते हुए जिले में मौजूद ट्रूनेट मशीन के माध्यम से टीबी मरीजों की जांच करने का निर्देश दिया है। निर्देश के अनुसार वैसा ट्रुनेट मशीन जो किसी स्वास्थ्य केंद्रों में उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। उसे सिविल सर्जन एवं जिला संचारी रोग पदाधिकारी द्वारा दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित कराया जाएगा। यह कार्य दो सप्ताह के अंदर पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया है ताकि प्रतिदिन जांच रिपोर्ट की समीक्षा निक्षय पोर्टल के माध्यम से की जा सकेगी। साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के समय टीबी के लक्षणों की स्क्रीनिग कर टीबी के लक्षण पाए जाने वाले महिलाओं को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बलगम की जांच सुनिश्चित करने को लेकर एएनएम एवं हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के सीएचओ को प्रशिक्षण एवं एसटीएस के माध्यम से आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।

--------
जिला टीबी फोरम की बैठक
संवाद सहयोगी, जमुई : उप विकास आयुक्त आरिफ अहसन की अध्यक्षता में समाहरणालय संवाद कक्ष में जिला टीबी फोरम की बैठक हुई। बैठक में उप विकास आयुक्त अहसन ने यक्ष्मा के मरीजों का पहचान तेज करने, मरीजों की निरंतर काउंसलिग करने, यक्ष्मा से जुड़े सभी प्रकार के भुगतान में तेजी लाने और सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसको लेकर मासिक बैठक करने का भी निर्देश दिया। समाज के सभी वर्ग के लोगों को इस बीमारी के इलाज को लेकर जागरूक करने का कार्य करें। 2025 तक हर हाल में जिला को यक्ष्मा मुक्त बनाना है और इसके लिए सभी वर्गों की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी है। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. अजय भारती, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल समेत दर्जनों पदाधिकारी मौजूद थे।

अन्य समाचार