विकास कार्यों से आज भी कोसों दूर है काकड़मारी आदिवासी टोला

संवाद सूत्र, दिघलबैंक (किशनगंज) : दिघलबैंक बाजार से बिल्कुल सटे ईट भट्टे के आगे से गुजरने वाली सड़क जो धनतोला पंचायत के बालुबाड़ी गांव के काकड़माड़ी आदिवासी टोला जाती है विकास की रोशनी से कोसों दूर है। दिघलबैंक बाजार के समीप से होकर बहने वाली बूढ़ी कनकई जो हमेशा गांव को अपने चपेट में लेती है। उस पर आज तक कोई भी ठोस उपाय नहीं किया गया है। जबकि आदिवासी समुदाय के लोग उस नदी में पुलिया बनाने की मांग किए थे।

पुल नहीं रहने के कारण लोगों का आनाजाना दुश्वार हो जाता है। वहीं प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का कहना होता है कि जब सुखार होगा तब पुल का निर्माण हो जाएगा। परंतु ऐसा नहीं होने से ग्रामीण सोच में है कि अगर बरसात से पहले पुल का निर्माण नहीं होगा तो लोग क्या करेंगे। वहीं बरसात के दिनों में काकड़माड़ी नुहु टोला गांव के लोग अपने तकनीक से खाली ड्राम का नाव बनाकर उसके सहारे नदी पार करते हैं। करीब 400 के करीब की जनसंख्या वाले इस गांव में पक्की सड़क तो है, बच्चों को पढ़ने के लिए एक आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है लेकिन बरसात के दिनों में सभी बेकार हो जाते हैं। क्योंकि लोग पहले नदी पार करेंगे तभी तो पक्की सड़क पर चलेंगे। कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से नदी में पुल बनाने की मांग की गई पर अब तक यहां कोई काम नहीं हुआ। हम लोगों को लगता है कि आदिवासी समुदाय होना पाप है शायद इसीलिए सरकार या जनप्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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