राजीव की हत्या के बाद अशांत हो गया दियारा

जासं, सहरसा : कोसी दियारा में आपसी वर्चस्व में लाशें गिरती रही हैं। गैंगवार में गिरे खून से कोसी लाल होती रही है। गैंगवार में मारने व मरने का यह सिलसिला दशकों से चलता रहा है। गैंगवार का परिणाम है कि माताओं की कोख सूनी, महिलाओं के माथे से सिदूर हो जा रही है। बच्चे असमय ही अनाथ हो रहे हैं। कभी पुलिस की गोली तो कभी दुश्मन की गोली से अपराध के रास्ते पर चलने वाले लोग असमय मर रहे हैं। अपराध के रास्ते चलने वाले खुद तो चले जाते हैं अपने पीछे जहान भर की तकलीफ व गम अपनों के लिए छोड़ जाते हैं।

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2018 के बाद अशांत हो गया दियारा
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यूं तो कोसी दियारा में गैंगवार, पुलिस मुठभेड़ दशकों से होती रही है लेकिन बीच के कुछ वर्षों में दियारा शांत हो गया था। नामी-गिरामी बदमाशों के जेल चले जाने से सब ठीक चल रहा था। इसी दौरान वर्ष 2018 में सुखासनी के राजीव यादव की हत्या दियारा में हो गयी। इसके बाद दियारा में खूनी अदावत फिर से शुरू हो गयी। इस घटना के बाद दरभंगा जिले के तिलकेश्वर ओपी अंतर्गत काजल यादव के पिता सत्तो यादव की हत्या 21 नवंबर 2019 में उस वक्त कर दी गयी जब वो ट्रैक्टर से खेत जोत रहे थे। इस घटना के बाद वर्ष 2021 में खगड़िया जिले के मोरकाही थाना अंतर्गत पीरपांती में रामानंद पहलवान की हत्या कर दी गयी। पुलिस की वर्दी पहने बदमाशों ने रामानंद पहलवान को गोलियों से छलनी कर दिया।
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चौदह वर्षीय बेटे ने दी काजल को मुखाग्नि
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बुधवार को कोसी नदी तट पर काजल यादव को उसके बड़े पुत्र पिकेश ने मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ जमा थी। उसके गांव के साथ-साथ आसपास के कई गांव के लोग उसके क्रिया कर्म में शामिल होने पहुंचे थे। स्वजनों के आंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं। पत्नी महिषी प्रखंड उप प्रमुख सरस्वती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।

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