होली में रंगों व भोजन के प्रति रहें सतर्क

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। आकाशवाणी रोड स्थित सहयोग परिसर में अध्यक्ष डा. अजीत प्रसाद सिंह के द्वारा अपने सहकर्मी के साथ फूलों की होली खेली गई। इस अवसर पर डा. अजीत ने बताया कि होली भाईचारे का त्यौहार है। जरूरतमंद को सहयोग करना सच्ची होली होगी।

होली खुशियों का प्रतीक माना जाता है। मिठाइयों को शगुन का प्रतीक होली है। इस दौरान रंगों और भोजन को लेकर सतर्क रहनी चाहिए। बाजार में कई प्रकार के घातक रासायनिक रंगों की बिक्री हो रही है। मुनाफा कमाने के लिए मिठाइयों में अनेक प्रकार के हानिकारक मिलावट कर धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है। इसके प्रति सतर्क रहें और प्राकृतिक एवं हर्बल रंगों का ही उपयोग करें। रंग लगाने से पहले चेहरे और शरीर के अंगों पर तैलीय पदार्थ लगावें। इससे आपकी त्वचा सुरक्षित रहेगी। आंखों नाक एवं कान, बालों एवं सिर के अंदर रंगों को नहीं जाने दे। अगर सावधान नहीं रहे तो आपके त्वचा पर घातक प्रभाव पड़ सकता है।

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बाजारू मिठाई खाने से बचें क्योंकि एक पीस मिठाई आपके लिए जानलेवा हो सकता है जिसका आपके शरीर पर असर देखा जा सकता है पाचन एवं ब्लड सरकुलेशन पर असर डाल सकता है अत्यधिक तेलीय माशाला दार मीठा व्यंजनों को खाने से परहेज करें देखा जाता है कि कई घरों में लोगों को खाना पड़ता है इसलिए हल्का खाना ले शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखें लठमार एवं किसी को शारीरिक क्षति एवं अभद्रता व्यवहार करने वाले होली खेलने से बचे क्योंकि यह आपके ऐसा करना आपके गलत संस्कार का परिचय समाज से करवाता है इस अवसर पर सहयोग सदस्य विकास कुमार सिंह गूंजेश कुमार सिंह अक्षय कुमार डॉ राजेश डॉ प्रीतम डॉ सतीश डॉ रुपेश डॉ गांधी डॉ रंजीत हनी मनी गोस्वामी आदि उपस्थित थे

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