स्नातक में दाखिले के लिए मशक्कत, सीटें हैं कम

बेतिया। जिले के छात्र- छात्राओं को इस बार स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। इस वर्ष इंटर का परिणाम पिछले वर्ष की तुलना में अच्छा है। इसलिए उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की जो संख्या है, वह डेढ़ गुना बढ़ी हुई है और उनकी तुलना में स्नातक कक्षाओं की सीटें बहुत कम हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार इंटर की परीक्षा में कुल 34 हजार 684 परीक्षार्थी बैठे थे, जिसमें से लगभग 27 हजार से ज्यादा छात्र सफल हुए। जबकि, अभी सीबीएसई प्लस टू का रिजल्ट आना बाकी है। अब यदि जिले के सभी सरकारी अथवा अनुदानित कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष की कुल सीटों की बात करें तो यह लगभग उत्तीर्ण छात्रों के अपेक्षा बहुत कम हैं। इसका मतलब यह हैं कि एक सीट के लिए कम से कम दस अभ्यर्थी मैदान में होंगे। इसको लेकर अभिभावकों व छात्रों को चिता सताने लगी है। जिले में मुख्य रूप से एमजेके कॉलेज, आरएलएसवाई कॉलेज बेतिया, टीपी वर्मा कॉलेज नरकटियागंज, गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज बगहा में स्नातक की पढ़ाई होती है। जिसमें नामांकन के लिए छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा महिला कालेज बेतिया और बगहा के भी कुछ अनुदानित कॉलेजों में स्नातक की पढ़ाई होती है।


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कितने हैं संसाधन
जिले में सरकारी व अनुदानित महाविद्यालयों की संख्या 4 व वित्त रहित महाविद्यालयों की संख्या लगभग 5 है। इनको मिलाकर कुल संख्या 9 है। जिससे कि इस वर्ष नामांकन को लेकर कटऑफ काफी ऊपर जा सकता है। ऐसे में एमजेके कॉलेज में नामांकन को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी की स्थिति पैदा होगी। विशेषकर विज्ञान संकाय के छात्रों की रुचि एमजेके कॉलेज में पढ़ाई को लेकर होती है। वही कॉमर्स संकाय के लिए आरएलएसवाई कॉलेज एकमात्र छात्रों के सामने विकल्प है। इसलिए यहां वाणिज्य को लेकर छात्रों का क्रेज काफी ज्यादा देखने को मिलता है। ऐसे में स्नातक में नामांकन के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा छात्रों के बीच देखने को मिल सकती है। जबकि, सभी कॉलेजों के सभी विषयों के सीटों को मिला दे तब भी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए लगभग 15000 सीटों पर ही नामांकन हो सकता है।
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आरएलएसवाई कॉलेज में सबसे ज्यादा सीटें
जिले में राम लखन सिंह यादव कॉलेज में सबसे ज्यादा सीटों पर स्नातक के छात्र नामांकन ले सकते हैं। यहां कुल 22 विषयों की पढ़ाई होती है। जिसमें विज्ञान, कला और वाणिज्य तीनों संकाय की पढ़ाई स्नातक में कराई जाती है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अभय कुमार सिंह की माने तो लगभग 4000 से भी ज्यादा स्नातक की सीटें विभिन्न विषयों में कॉलेज में हैं। जिसमें सबसे ज्यादा सीट इतिहास विषय में है। जहां इतिहास के साथ-साथ एंसीएन्ट हिस्ट्री की पढ़ाई भी कॉलेज में होती है। इसके बाद एमजेके कॉलेज में लगभग साढे तीन हजार सीटें स्नातक में हैं। जिनमें सबसे ज्यादा 918 सीट इतिहास विषय में है। वही भूगोल में भी 550 सीटों पर नामांकन हो सकता है। इसके बाद टीपी वर्मा कॉलेज नरकटियागंज में भी हजारों सीटों पर नामांकन छात्र ले सकते हैं। वही इन तीनों कॉलेज में वोकेशनल की पढ़ाई होती है। छात्र वोकेशनल कोर्सों में भी नामांकन ले सकते है। एमजेके कॉलेज में तीन वोकेशनल विषयों की पढ़ाई होती है। जिस में बीबीए, बीसीए और सीएनडी शामिल है। वही आरएलएसवाई कॉलेज में बीसीए व इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री आदि विषयों से स्नातक किया जा सकता है।
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मोर्चा संभालेंगे वित्तविहीन महाविद्यालय
इस समस्या से जूझने के लिए निजी व वित्तविहीन महाविद्यालय ही मोर्चा संभालेंगे। व्यक्तिगत परीक्षार्थी के तौर पर वह प्रवेश ले सकते हैं। लेकिन, उनकी भी क्षमता सीमित है। अब वास्तविक आवेदन व उस समय के निर्देशों पर ही प्रवेश उनकी समस्या का आकलन किया जा सकता है।
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बयान
राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डा. अभय कुमार सिंह ने कहा कि प्रवेश की समस्या तो है। लेकिन, सीटों की संख्या निश्चित है। अभी तो सत्र ही नहीं शुरू हुआ। समस्या गंभीर है, इसमें दो राय नहीं है।

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