नरपतगंज में मौत का सौदा कर रहे अवैध नर्सिंग होम

संवाद सूत्र, फुलकाहा (अररिया): नरपतगंज ब्लाक क्षेत्र समेत प्रखंड क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक अवैध रूप से नर्सिंग होम चल रहे हैं। जहां इलाज के नाम पर मरीजों को पैसे की उगाही की जाती है। गरीबों का शोषण कर दलाल मरीजों को अपने जाल में फंसा कर निजी अस्पतालों में ले जा रहे हैं और उनसे मोटी रकम वसूल रहे हैं। ब्लाक क्षेत्र के कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सिंग होमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं अच्छे इलाज के नाम पर मरीज लूटे जा रहे हैं। जबकि गांवों में मौजूद झोलाछाप व नर्सिंग होम संचालक चांदी काट रहे हैं। नरपतगंज क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में तमाम नर्सिंग होम बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। नर्सिंगहोम संचालकों ने गांवों में मौजूद झोलाछाप डाक्टरों से संपर्क बना लिया है। जिससे झोलाछाप डाक्टर पहले ग्रामीण मरीजों का खुद इलाज करते हैं। ठीक न होने पर वे संपर्क वाले नर्सिंग होम में लेकर चले जाते हैं। जहां अच्छा इलाज के नाम पर मरीजों को खूब लूटा जाता है। इसके बदले झोलाछाप डाक्टरों को भी मोटा कमीशन दिया जाता है,स्वास्थ्यविभाग की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते जिले में निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक और लैब संचालकों के हौसले बुलंद हैं। नरपतगंज में आधा दर्जन नर्सिंग होम, एक दर्जन के लगभग क्लीनिक और लैब दलालों की मिलीभगत से संचालित हो रहे हैं। संचालकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने से अवैध नर्सिंग होम के संचालक की मनमानी बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से चिकित्सा के नाम पर अवैध कारोबार किया जा रहा है। मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने के बाद भी उन्हें समुचित उपचार मुहैया नहीं कराया जा रहा है। यहाँ के अधिकतर नर्सिंग होम, क्लीनिक और पैथोलाजी संचालक अवैध तरीके से इनका संचालन कर रहे हैं। यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज अपना इलाज कराने भी पहुंचते हैं। इसके बाद भी इनमें से अधिकतर संचालकों ने अभी तक नवीनीकरण नहीं कराया है। सूत्रों की मानें तो इसमें स्वास्थ्य विभाग के कुछेक कर्मियों की भी मिलीभगत है। मरीज स्वजन के साथ की जाती है मनमानी: नर्सिंगहोम और क्लीनिक के संचालक मरीजों और उनके परिजनों के साथ मनमानी करते हैं। जिले भर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अभी तक कार्रवाई किसी पर नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जो क्लीनिक और नर्सिंग होम नियमों और शर्तों की पूर्ति नहीं करते हैं, निरीक्षण करने के दौरान संबंधित टीम सख्त रुख अख्तियार तो करती है लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए। बाद में लेनदेन कर पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। ऐसे संस्थानों में मरीजों से मनमाने ढंग से रुपये वसूले जाते हैं। इस अवैध कारोबार को न कोई रोकने वाला है और न ही कोई टोकने वाला। लिहाजा लापरवाही की वजह से ऐसे नर्सिंग होम में आये दिन जच्चा बच्चा की मौत होती रहती है। इस संबंध में अररिया सिविल सर्जन विधान चंद्र सिंह ने बताया कि एक सप्ताह के बाद सूची बनाकर अवैध नर्सिंग होम की जांच करने के बाद उचित कार्रवाई होगी इसके लिए एक टीम गठित की जाएगी।


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