काझी गांव में भागवतकथा के लिए निकाली गई कलश यात्रा

संस, बनमनखी, (पूर्णिया)। सनातन भगवत परिवार की ओर से काझी ब्राह्मण टोला स्थित कृष्ण मंदिर प्रांगण से ग्रामवासियों के सहयोग से श्रीमद्भागवत कथा के लिए गुरुवार को 151 कन्याओं द्वारा विशाल मंगल कलश यात्रा निकाली गई। सिर पर कलश धारण किए महिलाएं आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं।

कलश यात्रा गांव की परिक्रमा कर भागवत कथा स्थल तक पहुंची। भागवत कथा वाचक अवधेश महाराज ने विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद कलश यात्रा का शुभारंभ किया। कलश यात्रा पूरे गांव में भ्रमण किया। भक्तों के जयकारे से माहौल भक्तिमय हो गया। पीले वस्त्रों और चुनरी धारण किए महिलाएं कलश को सिर पर रखकर प्रभु का स्मरण करते हुए भक्ति मय वातावरण में भक्ति संगीत के साथ कथा स्थल तक पहुंचीं। इस कलश यात्रा को देखने के लिए सड़कों और अपने घरों की छत पर लोगों की भीड़ लगी रही।

कथा वाचक ने प्रथम दिवस को कथा सुनाते हुए भागवत मंगलाचरण के प्रथम श्लोक की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि परमात्मा संत हैं, आनंद का स्वरूप है, वह विश्व को उत्पन्न करने वाला है। वह पूरे विश्व का कल्याण करने वाला है और तीनों ताप दैविक, दैहिक, भौतिक का विनाश करने वाला है। प्रभु राम जी के राज्य में इन तीनों तापों का किसी पर असर नहीं पड़ा ऐसे ही तीनों तापों को नाश करने वाले भगवान श्री कृष्ण को मैं बार-बार नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि इस कलिकाल में भागवत की कथा मोक्ष प्रदायिनी है। इस दौरान भक्तो द्वारा लगाए गए राधा-कृष्ण के जयकारों से संपूर्ण गांव भक्तिमय हौ गया। भगवत कथा के आयोजन कराने वालों में मुख्य रूप से सुभाषचंद्र झा, धीरेंद्र नारायण झा, नवीन मिश्र, संजीव झा, नरेंद्र कुमार झा, ब्रजेश मिश्र, अनित कुमार मंटी, अमित कुमार, सत्यदेव झा सहित सैकड़ों ग्रामीण जुटे हुए हैं।

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