महाआरती में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, अंतिम दिन 11 हजार दीपों से जगमगाया परिसर

संवाद सूत्र, हरदा पूर्णिया। शक्ति पीठ मां कामाख्या मंदिर परिसर में आयोजित तीन दिवसीय राजकीय कामाख्या महोत्सव का समापन गुरुवार को गया। अंतिम दिन बनारस के गंगा घाट पर की तर्ज पर महाआरती आयोजित महाआरती में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटी रही। इसी तरह 11 हजार दीपों से पूरा यज्ञ स्थल जगमगा उठा। हवन व महाआरती के दौरान मां कामाख्या के जयघोष से पूरा परिक्षेत्र गूंजायमान रहा।

बता दें कि इस मंदिर की दूर-दूर तक प्रसिद्धि है। साथ ही यह यहां की संस्कृति का भी अभिन्न अंग है। सीमांचल व कोसी के साथ-साथ नेपाल व झारखंड से भी लोग यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। यहां आयोजित होने वाला ठाढ़ी व्रत मेला आकर्षण का केंद्र होता है। पहली बार यहां धमदाहा विधायक सह बिहार सरकार की खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह के अथक प्रयास से यहां राजकीय कामाख्या महोत्सव का आयोजन हुआ है। 22 मार्च से आरंभ इस महोत्सव का समापन गुरुवार को हो गया। मंत्री ने महोत्सव के उदघाटन के दिन अब हर साल इसके आयोजन की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही इसे पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने की घोषणा भी की थी। इधर तीन दिनों तक यहां लगातार श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता रहा। यज्ञाचार्य तिवारी जी बाबा महाराज के सानिध्य में बनारस व इलाहाबाद के पंडित भरत पांडे,पंडित राकेश पांडे,पंडित नीतीश दुबे, मोहित उपाध्याय, राजकुमार पांडे,कुमार आशीष,वैभव कुमार,,मोहन कुमार, प्रकाश कुमार, अभिषेक कुमार पांडे आदि द्वारा तीनों दिन यज्ञ हवन किया गया। साथ ही इन विद्वान पंडितों की अगुवाई में ही महाआरती का आयोजन किया गया। जदयू प्रदेश महासचिव आशीष कुमार बब्बू, पूर्व मुखिया कृष्णानंद महतो, संतोष मिश्रा, जदयू प्रखंड अध्यक्ष उदय शुक्ला, बरुण साह, पप्पू गिरी, अनुज भारती, शिवाशिष सोनू, कृष्णानंद मिश्र, मुकुंद मंडल ,मनोहर सिंह मुन्ना, राजेश कुमार, उपप्रमुख बिजय कुमार शर्मा, सुनील पासवान, ज्योतिष साह, सचिन साह के साथ-साथ काफी संख्या संख्या में कार्यकर्ताओं ने इसमें अहम भूमिका निभाई। मरंगा थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार,बीडीओ सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में महिला पुरुष पुलिस बल की तैनाती थी।

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