रात के अंधेरे में दौड़ती रही जहाज, हादसे की राह देखता रहा प्रशासन

राजीव कुमार, पूर्णिया। मनिहारी- साहिबगंज फेरी सेवा दिन ही नहीं बल्कि रात के अंधेरे में भी जारी रहती है। यह कोई एक दिन नहीं बल्कि हर दिन होता था, लेकिन कटिहार जिले के मनिहारी अनुमंडल प्रशासन एवं झारखंड के साहिबगंज जिला प्रशासन ने पूरी तरह आंखें मूंद रखी थी। प्रशासन को बस किसी बड़े हादसे का इंतजार भर था। गुरुवार की देर रात साहिबगंज से चलकर मनिहारी के लिए चला फेरी सेवा की जहाज से एक साथ लगभग एक दर्जन ट्रक गंगा में समा गए।

पत्थर लदे ट्रकों के साथ कई चालक एवं उपचालक भी गायब हैं। उनके संबंध में आशंका जताई जा रही है कि वे भी ट्रक के साथ गंगा के आगोश में समा गए। गुरुवार रात घटना की सूचना मिलते ही साहिबगंज जिला प्रशासन एवं मनिहारी अनुमंडल पुलिस प्रशासन के पैरों तले की जमीन खिसक गई। आनन फानन में छोटे स्टीमरों के सहारे जहां पर घटना हुई थी वहां टीम भी भेजी गई लेकिन काली रात में घटी घटना के बीच पसरी खामोशी के सिवा वहां कुछ नहीं मिला। इसके बाद आनन फानन- में डूबे ट्रकों को एवं लापता लोगों की तलाश के लिए देवघर से एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। घटना के बाद मनिहारी एवं साहिबगंज प्रशासन ने जो संजीदगी दिखाई अगर उसका कुछ हिस्सा भी घटना के पूर्व इन दोनों प्रशासन ने दिखाया होता तो इस घटना को टाला जा सकता था। लंबे समय से रात भर फेरी सेवा का संचालन होता रहा लेकिन सबने आंखे बंद रखा। परिणाम जो सामने आया वह रौगंटे खड़ा करने वाला है।

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फेरी सेवा का तीन घाटों से हो रहा था संचालन
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फेरी सेवा की बंदोबस्ती मनिहारी एवं साहिबगंज के बीच एक घाट से हुई थी लेकिन फेरी सेवा का संचालन एक घाट से ना होकर तीन घाटों से दिन रात होता था। साहिबगंज से जिन तीन घाटों से फेरी सेवा का संचालन हो रहा था, उनमें गरम घाट, सकरी घाट, एवं साहिबगंज घाट शामिल है। मनिहारी में भी दो घाटों से फेरी सेवा का संचालन किया जाता रहा था, लेकिन इसे देखने की ना तो किसी स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को फुर्सत थी और ना ही जिले के आला अधिकारियों को। नतीजा इस तरह की बड़ी घटना के रूप में सामने आया।
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रात भर ट्रकों के शोर से गूंजता रहता था मनिहारी- साहिबगंज फेरी घाट
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बताया जाता है की रात भर फेरी सेवा के संचालन के दौरान रात भर ट्रकों के शोर से मनिहारी एवं साहिबगंज घाट गूंजता रहता था, लेकिन शायद इन फेरी घाट से महज कुछ ही दूरी पर अवस्थित मनिहारी थाने की पुलिस एवं साहिबगंज के नगर थाना एवं मुफ्फसिल थाना की पुलिस तक इन ट्रकों का शोर कभी नहीं पहुंच पाया। स्थानीय पुलिस ने यह जानने की जहमत भी कभी नहीं उठाई की रात के अंधेरे में फेरी सेवा के लिए घाटों पर इतनी बड़ी मात्रा में रोशनी की व्यवस्था एवं वैपर तथा जेनरेटर सेट क्यों लगाए गए हैं।
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प्रत्यक्षदर्शी ने बताया जहाज पर 18 पत्थर लदे ट्रक थे लोड
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मनिहारी - साहिबगंज फेरी सेवा में जो जहाज दुर्घटना का शिकार हुआ है उसपर सवार तथा गंगा नदी से तैरकर बाहर निकले एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि यह घटना रात के बारह बजे के लगभग घटी। उसके अनुसार जहाज पर 17 से अठारह पत्थर लदे ट्रक थे। ट्रक के चालक तथा उपचालक साहिबगंज से जहाज खुलने के बाद कुछ लोग केबिन के अंदर तो कुछ ट्रक पर लदे पत्थरों के ऊपर सीट रखकर सो रहे थे। अचानक यह घटना घटी। उसके बाद जब तक कोई कुछ समझता तब तक सब कुछ गंगा में समा चुका था।
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कोट के लिए
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मनिहारी- साहिबगंज फेरी सेवा के दौरान गुरूवार की देर रात घटी घटना के बाद कटिहार एसपी से इस मामले में रिपोर्ट तलब की गई है। अगर रात में फेरी सेवा के संचालन की बात सामने आती है तो इस संचालन के लिए जिम्मेदार मनिहारी पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुरेश प्रसाद, आइजी, पूर्णिया।
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कोट
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फेरी सेवा मामले की जांच कटिहार डीएम द्वारा किया जा रहा है। जांच के बाद अगर जरूरी हुआ तो इस मामले में कटिहार में भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। राहुल महिपाल, आयुक्त, पूर्णिया प्रमंडल।
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