पीड़ित की जुबानी जहाज से गिरकर ट्रक डूबने की पूरी कहानी

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। अब भी फेरी सेवा के जहाज से ट्रक के गिरने की घटना को याद कर वह सिहर उठता है । घटना को याद करने के बाद कहता है कि उसे पता नहीं वह कैसे बच गया। उसे तो तैरने भी नहीं आता था। उसकी आंखो के आगे घटना को याद करने के बाद अंधेरा छा जाता है। यह है कटिहार के फलका प्रखंड के फूलडोभी का रहने वाले 21 वर्षीय छोटू यादव जो ट्रक के साथ गंगा नदी में गिर गया था, लेकिन नदी में गिरते ही उसके हाथ में पता नहीं कहां से मिनरल वाटर का बड़ा वाला बोतल आ गया।

इसके सहारे वह गंगा नदी में तैरने लगा। जब तक वह कुछ समझता तब तक उसके साथ तीन और लोग जो कलर वाले डब्बे को पकड़ कर तैर रहे थे वे भी दिखे। राजू ने बताया की शायद यह कलर वाली बाल्टी एवं मिनरल वाटर का बड़ा डब्बा जहाज पर ही था जो पलटने के बाद उनके हाथ अचानक लग गया। राजू बताते हैं कि जब एक साथ देखते देखते कई ट्रक जहाज से गंगा नदी में समा गए तो उसके साथ पानी में तैर रहे चार और लोग जोर- जोर से बचाओ- बचाओ चिल्लाने लगे। अचानक उनकी आवाज रात में पत्थर ढोने वाले नाव के नाविकों ने सुनी और किसी तरह जल्दी से नाव लेकर आए और चारों लोगों को नदी से बाहर निकाला।

छोटू यादव बताते हैं कि साहिबगंज के गरम घाट से फेरी सेवा में राजधानी नाम की जहाज रात के 11 बजे के करीब खुली। उस जहाज पर सोलह से अठारह की संख्या में पत्थर लदे ट्रक सवार थे। राजू बताते हैं की उन्हें याद है कि जब गरम घाट से जहाज खुल रहा था तो साहिबगंज से कोई नई मोटरसाइकिल खरीद कर इस जहाज पर चढ़ा था और वह नई मोटरसाइकिल खरीदकर मनिहारी जा रहा था। छोटू यादव यादव बताते हैं कि 11 बजे रात में जहाज खुलने के बाद अन्य ट्रकों के चालक एवं उप चालक की तरह वह भी अपने बड़े भाई राजू यादव के साथ अपने ट्रक के केबिन में जाकर बैठ गए और आधा घंटा बाद उसे नींद आ गई। छोटू यादव बताते हैं कि जब जहाज एक तरफ झुका तो अचानक उनकी नींद खुली जिसके बाद उन्होंने अपने भाई राजू यादव को जगाया तथा जहाज झुकने की बात बताई। मगर बड़े भाई राजू यादव ने कहा कि कुछ नहीं होगा आराम से बैठे रहो। छोटू कहते हैं इसके बाद भी उनका मन नहीं माना और ट्रक का गेट खोलकर आधा सिर निकाला ही था की ट्रक गंगा नदी में गिर गया और देखते ही देखते कई ट्रक गंगा में गिर गए। उसके बड़े भाई का कोई पता अब तक नहीं है। छोटू कहते हैं कि रात के 1. 18 मिनट में नाव वालों ने उनके अलावा चार अन्य लोगों को बचाकर लाकर मनिहारी धाट पर छोड़ दिया। घटना की सूचना के बाद मनिहारी घाट पर कोहराम मचा था। इसकी सूचना बाद मनिहारी थाना की पुलिस भी वहां पहुंची लेकिन उसने हमारी मदद करने की बजाय तुरंत वहां से लौट कर चली गई। रात भर जान बचाकर किसी तरह बाहर निकले हम चारों लोगों ने मनिहारी घाट की झोपड़़यिों में रात बिताई।

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