स्कूलों में लगेगा शिक्षकों के फोटो युक्त फ्लेक्स बैनर, शतप्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य

-नए सत्र में बच्चों की घाटे को पूर्ति कराने का होगा प्रयास

- विभिन्न गतिविधियों के माध्यम होगा पठन पाठन
- शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए विभाग ने झोंकी ताकत
जगरण संवाददाता, अररिया: कोरोना संकट के कारण पिछले दो साल से बच्चों की पाढ़ाई चौपट हो गई। विभाग से फिर से शिक्षा व्यवस्था को पटरी लाने के लिए ताकत झोंक दिया है। बच्चों के घाटे को पूर्ति करने के लिए कई माध्यम से प्रयास शुरू हो गया है। सभी शिक्षक संस्थानों में पढ़ाई शुरू हो गई है। नए सत्र में शिक्षकों की शतप्रतिशत और बच्चों की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होगी। सभी विद्यालयों में शिक्षकों के फोटो युक्त फ्लैक्स बनैर टांगे जाएंगे। अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।

दक्षता पर पड़ा बुरा प्रभाव : डीईओ राजकुमार ने बताया कि अब सभी विद्यालय खुल गए है। पाठन-पाठन आरंभ हो गया है। विभिन्न वार्षिक परिक्षाएं जैसे कक्षा पंचवी, आठवीं मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा भी सफलता पूर्वक संपन्न हो गई है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 भी समाप्त होने को है। नया शैक्षणिक सत्र 2022-23 एक अप्रेल शुरू होगा। विगत दो वर्षों में बच्चों की पढ़ाई विद्यालय में निरंतर नहीं होने के कारण उनकी वर्ग उम्र सापेक्ष दक्षता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। उनके सीखने का घाटा बढ़ा है। ऐसे में आगामी शैक्षणिक सत्र में इस घाटे की भरपाई करने के लिए विद्यालयों में पाठन पाठन का माहौल तैयार किया जा रहा है। इसकी समुचित तैयारी की जा रही है।
- टीएलएम के माध्यम होगी पढ़ाई :
डीईओ ने बताया कि सभी प्राथमिक माध्य माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा।
विद्यालय में पदस्थापित व कार्यरत सभी शिक्षकों की शत प्रतिशत ससमय उपस्थिति अनिवार्य होगी। सभी विद्यालय, सरकारी अनुदानित संस्कृत मदरसा, प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापित सभी शिक्षकों के फोटो युक्त सूची का फ्लैक्स बैनर विद्यालय में प्रदर्शित किया जाएगा। कक्षावार विषयवार रूटीन तैयार किया जाना है। रूटीन का प्रदर्शन विद्यालय के सूचना पठ पर किया जाएगा।
केवल लेक्चर से नहीं चलेगा काम:
डीईओ ने शिक्षकों व विभागीय अधिकारी को आदेश दिया कि
कक्षा में पठन-पाठन गतिविधियों का इस प्रकार से संचालन किया जाएगा कि सभी बच्चे अपना जुड़ाव महसूस कर सके। केवल लेक्चर प्रणाली अथवा एक तरफा संवाद से बचेंगे। बीच-बीच में विद्यार्थियों से संवाद किया जाना है। यह सुनिश्चित किया जाय की विषय वस्तु की समझ सभी विद्यार्थियों में एक समान बन सके। आवश्यकतानुसार प्रासंगिक उदाहरणों, शिक्षण अधिगम समाग्रियों टीएलएम का उपयोग कर पढ़ाया जाएगा। जो विषय की पढ़ाई होगी उस पाठ का नोटस भी विद्यार्थियों की कापी में तैयार कराया जाएगा। ताकि विद्यार्थी रिवीजन कर सकें।
- चलेगा विशेष अभियान :
विद्यालय में छात्र उपस्थिति बढ़ाने के लिए सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपने सहायक शिक्षकों के सहयोग से विशेष अभियान चलाएंगे। विद्यालय में बच्चों की न्यूततम 75 प्रतिशत उपस्थिति कराएंगे। छात्रों की उपपस्थिति कक्षावार प्रदर्शित करना अनिर्वाय होगा।
नियमित रूप से स्कूलों का होगा निरीक्षण : शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और आदेशों का शतप्रतिशत पालन कराने के लिए बीआरपी, सीआरसीसी, बीईओ, डीपीओ लगातार विद्यालयों का औचक निरीक्षण करेंगे और प्रतिवेदन वरीय अधिकारी को सौंपेंगे। लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
कोट -
कोरोनाकाल के चलते पिछले दो साल से बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। बच्चों की भरपाई को दूर करने के लिए विभागीय स्तर पर हर संभव कोशिश की जा रही है।
राजकुमार, डीईओ अररिया।

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