हृदय संबंधी रोग से ग्रसित छह बच्चों को इलाज के लिए भेजा गया पटना

संवाद सहयोगी, किशनगंज : सात निश्चय योजना की पहल पर जिले के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों का पूरी तरह नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है। जिसका सार्थक परिणाम यह है कि समुचित इलाज और स्वस्थ्य होने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ्य हो रहे हैं। साथ ही उन बच्चों को नई स्वस्थ जिदगी जीने का अवसर मिल रहा है। यह बातें सोमवार को सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने कही।

उन्होंने बताया कि बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित शून्य से 18 साल के बच्चों के लिए इलाज की व्यवस्था है। इसमें बाल हृदय योजना भी शामिल है। इस योजना के तहत हृदय में छेद सहित विभिन्न तरह के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का इंतजाम है। हृदय संबंधी रोग से ग्रसित जिले के छह बच्चों को इलाज के लिए पटना भेजा गया है। इन बच्चों का नि:शुल्क इलाज होना है। इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट आफ कार्डियोलाजी पटना में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा रोग की गंभीरता का पता लगाने के लिये बच्चों की जरूरी जांच की जाएगी। फिर इलाज के लिए उन्हें बेहतर चिकित्सा संस्थानों में भेजा जाएगा। बच्चों के इलाज से लेकर बच्चे वअभिभावकों के आने-जाने सहित तमाम खर्च सरकार द्वारा वहन किये जाएंगे।

वहीं आरबीएसके जिला समन्वयक डा. ब्रहमदेव शर्मा ने बताया कि आरबीएसके टीम द्वारा हृदय रोग से ग्रसित चिह्नित कुल छह बच्चे हैं। इनमें ठाकुरगंज प्रखंड के फैजान अहमद दो माह, बहादुरगंज प्रखंड के मनास 16 माह, पोठिया प्रखंड की नूर अख्तर (20 माह), दिघलबैंक प्रखंड की अंशिका (10 माह) और अरिबा खातून, कोचाधामन प्रखंड की गुफरान घनी (18 माह) शामिल हैं। बच्चों को आवश्यक जांच व इलाज के लिए आइजीआइसी में भेजा गया है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. मुनाजिम ने बताया कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है। अन्यथा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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