नहीं मानी गई मांग तो स्नातक प्रथम वर्ग में नामांकन बाधित करेंगे वित्त रहित शिक्षक

संवाद सूत्र, मधेपुरा : जिला मुख्यालय के गोशाला परिसर स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में सोमवार को वित्त रहित शिक्षा संघर्ष मोर्चा के बैनर तले संबद्ध प्राप्त कालेजों के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सहरसा, सुपौल व मधेपुरा जिले में स्थापित वित्त रहित कालेजों के शिक्षकों ने भाग लिया। बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वे तीन दशकों से बिना वेतन का अनुदानित कालेजों में काम कर रहे हैं। बावजूद इसके कालेजों का अंगीभूतीकरण नहीं कर सरकार इन शिक्षकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। अनुदान की राशि प्रबंधन द्वारा मनमानी तरीके से वितरित की जाती है। आलम यह है कि सरकार, उच्च न्यायालय तथा विवि के सख्त आदेश के बाद भी कालेज प्रबंधन द्वारा 70 प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। लिहाजा बैठक में निर्णय लिया गया है कि वे अपनी मांग कुलपति समेत कुलाधिपति के समक्ष रखेंगे। 10 दिनों के अंदर अगर मांग पूरी नहीं की गई तो विवि के सभी संबंधन प्राप्त कालेजों में तालाबंदी कर स्नातक प्रथम वर्ष के नामांकन को बाधित किया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजक सह डिग्री कालेज महासंघ के प्रवक्ता मनोज भटनागर ने कहा कि सभी शिक्षकों ने अपनी सहमति जता दी है। संयुक्त मोर्चा के संयोजक प्रो. धुर्वेंद्र ने कहा कि जल्द ही मंडल विवि वित्त रहित शिक्षक संघ का चुनाव कराया जाएगा तथा नव निर्वाचित अध्यक्ष के नेतृत्व में कुलपति से मिलकर मांग सौंपी जाएगी। कार्यक्रम का संचालन डिग्री कालेज के शिक्षक प्रतिनिधि डा. चद्रप्रकाश यादव ने किया। बैठक में डा. शिवनंदन यादव, गोपाल यादव, प्रो. गीता यादव, प्रो. आलोक कुमार, प्रो. अरविद कुमार राय, प्रो. नागेश्वर झा, प्रो. संजय परमार, प्रो. सुलेंद्र कुमार, प्रो. रामकुमार कर्ण, प्रो. सत्येंद्र नारायण यादव, प्रो. अभय कुमार, प्रो. शंभू कुमार यादव, प्रो. चंद्रकिशोर कुमार, प्रो. वैद्यनाथ यादव, प्रो. विवेकानंद कुमार, प्रो. दीपक कुमार सिंह, प्रो. अर्जुन कुमार, प्रो. विजेंद्र मेहता ने अपने विचार व्यक्त किए।


अन्य समाचार