मतदान से लेकर मतगणना प्रक्रिया की कर्मियों को विस्तार से दी गई जानकारी

जागरण संवाददाता, पूर्णिया : विधान परिषद चुनाव को लेकर मंगलवार को जिला स्कूल में पीठासीन पदाधिकारी, मतदान अधिकारी व मतगणना कार्य में प्रतिनियुक्त कर्मियों को दो पालियो में दूसरे चरण का प्रशिक्षण दिया गया। उप निर्वाचन पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद यादव, अवर निर्वाचन पदाधिकारी प्रेम शंकर कुमार व मुख्य प्रशिक्षक मोल झा ने विधान परिषद चुनाव मतदान और मतदान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर विस्तार से चर्चा की। बैलेट पेपर से होगा एमएलसी चुनाव

पहली पाली में सभी माइक्रो प्रेक्षक, गश्ती दल दंडाधिकारी, पीठासीन पदधिकारी, प्रथम और द्वितीय मतदान पदाधिकारी को प्रशिक्षण दिया गया। वहीं दूसरी पाली में मतगणना प्रेक्षक व सहायक का प्रशिक्षण आयोजित हुआ। मुख्य प्रशिक्षक ने कहा कि एमएलसी चुनाव बैलेट पेपर से आयोजित होना है। बताया कि इस बार मतदाता के बाएं हाथ की अंगुली पर अमित स्याही का निशान नहीं लगाया जाएगा। साथ ही बताया कि मतदान सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। उन्होंने कहा कि पीठासीन पदाधिकारी निर्वाचक को मतपत्र देते समय मतपत्र के पीछे हस्ताक्षर करेंगे। मतदाता को दिए गए मतपत्र का क्रमांक काले पेपर से ढक दिया जाएगा। चुनाव के दौरान मतपत्र के लिए प्रपत्र 16 रहेगा। जिससे कुल मतदान का पता चल जाएगा। दूसरी पाली में मतगणना कार्यों की दी गई जानकारी

वहीं दूसरी पाली में मतगणना प्रेक्षक व सहायकों को मतगणना कार्य की विस्तार से जानकारी दी गई। मतगणना में नियुक्त कर्मी किस तरह मतपेटिका से बैलेट पेपर निकाल कर मतों की गिनती का काम करेंगे।उन्हें वैध व अवैध मतों के पहचान के तरीकों को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी गई। जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि यह चुनाव दूसरे अन्य चुनाव से भिन्न है। इस चुनाव की मतदान प्रक्रिया में कुछ बाते बदली होती है, जैसे अमिट स्याही का प्रयोग नहीं होना, मतदाता को बैलट पेपर में अपना मत अंकित करने के लिए आयोग द्वारा निर्गत बैगनी रंग के स्केच पेन का ही प्रयोग करना इत्यादि। इस चुनाव में वोटर के रूप में चुने हुए जनप्रतिनिधि होते हैं। इस चुनाव में मतगणना पूरी तरह से अन्य चुनाव से भिन्न होती है।चुनाव में वही अभ्यर्थी विजेता होता है को कुल प्राप्त विधिमान्य मतों के आधे से एक अधिक मत प्राप्त कर लेता है अर्थात निर्धारित कोटा प्राप्त कर लेता है। चुकी मतदाता को यह छूट होती है की वह एक से अधिक पसंद के उम्मीदवारों को वरीयता के क्रम में वोट दें। इसलिए हो सकता है की कोटा पूरा करने हेतु द्वितीय प्राथमिकता के आधार पर मतों की गिनती करना पड़े।

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