ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित हड़ताल के समर्थन में उतरे बैंक, डाकघर व एलआइसी कर्मी

संवाद सहयोगी, किशनगंज : ट्रेड यूनियन ने सोमवार को दो दिवसीय राष्टव्यापी हड़ताल शुरू दिया। इस हड़ताल में बैक, डाकघर और एलआइसी सहित कई विभाग के कर्मी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। बताते चलें कि सरकार की जन विरोधी आर्थिक नीति और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों के स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने अपनी दो दिवसीय हड़ताल किए हैं।

हड़ताल किए जाने का मकसद कर्मियों के हित के लिए कई मांगे हैं। इनमें मुख्य रुप से श्रम संहिता को समाप्त करना, निजीकरण पर अकुंश लगाना, एनएमपी को समाप्त करना और ठेका के श्रमिकों को नियमित करने सहित कई अन्य मांगे हैं। बैंक हड़ताल होने के कारण लोगों को वित्तीय लेन-देन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

डाक संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष अफाक आलम ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि सरकार से मांग है कि नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। निजीकरण की चाल और फेंचाइजी आउटलेट खोलना सरकार बंद करे। कोविड से संबंधित सभी मुद्दों का निपटारा जल्द हो और एमटीएस के साथ जीडीएस रिक्तियों के खिलाफ अंशकालिक पूर्णलिक आकस्मिक मजदूरों को अवशोषित करें।
वहीं आल इंडिया इंश्योरेंस इम्पलाइज एसोसिएशन के आह्वान पर एलआइसी शाखा के कर्मी हड़ताल पर रहे। इस दौरान मुख्य रुप से सुबोल सिंह, गौतम दत्ता, प्रणव घोष, चंपक लता बसाक, सोनम साहा, नीति कुमारी सिंह, सत्येन्द्र नारयण शर्मा, अनिस ठाकुर, दिलीप कुमार, संजय कुमार, गौतम चंद्र दास, जय नारायण मंडल, प्रवीर कर्मकार, अशफाक आलम, मूकेश कुमार, सुमन सौरभ सहित कई कर्मी मौजूद रहे। --कोट -- राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन सोमवार को बैंक बंद रहने से 550 करोड़ रुपये का वित्तीय लेन-देन प्रभावित रहा। बैक बंद रहने से एटीएम सेवा पर भी प्रभावित हुए। लोगों को बैंक संबंधित कार्य में परेशानी हुई। विशेष रुप से मार्च के अंतिम सप्ताह में खाताधारी द्वारा अधिक वित्तीय लेनदेन किए जाते हैं। लेकिन बैंक बंद रहने से कारोबार भी प्रभावित हुआ।
-- इंदु शेखर, एलडीएम।

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