दूसरे दिन भी असरदार रही ट्रेड यूनियनों की हड़ताल

फोटो- 29 जमुई- 9

- बैंकों में लटके रहे ताले
- सड़कों पर सरकार के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने किया आवाज बुलंद
- कहा, सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करे सरकार
संवाद सहयोगी, जमुई : बैंक एवं ट्रेड यूनियन द्वारा आहूत हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी असरदार रहा। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों में ताले लगे रहे। जगह-जगह डाकघरों में भी हड़ताल का खासा असर दिखा। इसके अलावा विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा सड़कों पर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किया जाता रहा। बैंक कर्मियों के विभिन्न संगठनों के हड़ताल से तकरीबन 19 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ है। हड़ताल में आल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन, आल इंडिया बैंक आफिसर एसोसिएशन तथा बैंक इंप्लाइज फेडरेशन आफ इंडिया के आह्वान पर करीब 200 से ज्यादा कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने का दावा विभिन्न संगठनों के नेताओं ने किया है। इस दौरान सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के साथ ग्रामीण बैंक की शाखाओं को भी बंद कराया गया एवं उसके कर्मियों ने हड़ताल में योगदान दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हुए केनरा बैंक एम्पलाई यूनियन के विकास कुमार ने हड़ताल के कारणों को रेखांकित किया। उन्होंने वित्तीय वर्ष के अंतिम सप्ताह में हड़ताल का कारण बताते हुए कहा कि जन विरोधी सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है। बैंकों का निजीकरण बंद नहीं किया गया तो आगे भी आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ग्राहकों पर अतिरिक्त सेवा शुल्क भार कम करने, ग्राहकों की जमा राशि पर ब्याज दर बढ़ाने, बैंकिग सेवाओं को पांच दिवसीय करने तथा डूबे हुए एनपीए खातों की रिकवरी के लिए सख्त कानून बनाए जाने का मुद्दा अहम है। हड़ताल की सफलता में मुख्य रूप से केनरा बैंक एंप्लाइज यूनियन के अमित कुमार, विजय नारायण वर्मा, मु. मेराज, एआइपीएनबीओए बिहार शरीफ सर्किल के उप सचिव मनीष कुमार बादल, पीएनबी एसयू बीईएफआइ के सदस्य संदीप कुमार, वीरेंद्र कुमार, आल इंडिया बैंक आफ बड़ौदा एम्पलाइज एसोसिएशन के अमरनाथ कुमार, राकेश कुमार, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के पल्लव चंद्र झा, अविनाश कुमार, विकास कुमार, सुरेंद्र कुमार, इंडियन बैंक के रोशन कुमार, प्रवीन झा तथा सेंट्रल बैंक के गौतम कुमार, अवनीश कुमार आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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