शिक्षकों को अविलंब कालबद्ध प्रोन्नति देने की मांग

संवाद सहयोगी, जमुई : विगत 19 वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को अविलंब कालबद्ध प्रोन्नति की मांग परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से की है। प्रदेश सचिव निरंजन कुमार और जिलाध्यक्ष अभिषेक कुमार राव ने कहा कि बिहार में नियोजित शिक्षक ही एकमात्र ऐसे कर्मी हैं, जो 19 वर्ष से कार्य कर रहे हैं। कितु उन्हें आज तक किसी भी प्रकार की कोई प्रोन्नति नहीं दी गई है। पंचायत प्राथमिक शिक्षक नियमावली 2012 के तहत इंटरमीडिएट योग्यताधारी शिक्षकों को उनके सेवा के 12 वर्ष पूरा करने पर कालबद्ध प्रोन्नति देने का प्राविधान किया गया है। इसके अलावा उन्हें स्नातक ग्रेड के शिक्षकों के लिए निर्धारित 2400 ग्रेड पे में भी प्रोन्नति दी जानी है। कितु ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार इस नियमावली की अधिसूचना जारी कर उसे क्रियांवित करना भूल गई है। अगर जिला स्तरीय पदाधिकारियों और सरकार द्वारा शिक्षकों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया गया तो इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में भी मामला दायर किया जाएगा।


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शिक्षक संघ के सदस्यों की बैठक दो को
संवाद सहयोगी, जमुई: आगामी दो अप्रैल को आदर्श प्रेमसुख दास मध्य विद्यालय जमुई के प्रांगण में बिहार राज्य अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के सदस्यों की बैठक आयोजित की गई है। जिला सचिव वरुण कुमार ने बताया कि इस बैठक में सरकार एवं विभाग की उदासीनता को देखते हुए विभिन्न मुद्दों एवं आगामी रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। उक्त बैठक में संघ के सभी प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य है।
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अनुदान की राशि में अनियमितता बरतने का लगाया आरोप
संवाद सहयोगी, जमुई : झाझा प्रखंड क्षेत्र के चंद्रशेखर सिंह महाविद्यालय के व्याख्याता ने बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी को आवेदन देकर अनुदान की राशि सही तरीके से वितरण की गुहार लगाई है। महाविद्यालय के व्याख्याता इकबाल अंसारी, कलानंद सिंह, पीतांबर कुमार सिंह, मनोहर कुमार सिंह, संजय कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार हम जैसे अनुदान पर काम करने वाले व्याख्याता के लिए अनुदान की राशि का आवंटन किया है। यहां के प्राचार्य द्वारा पहले से भी कम राशि दिया जा रहा है, जो कहीं से न्याय संगत नहीं है। लोगों ने बताया कि इसे लेकर प्राचार्य से शिकायत किया जाता है तो वह मनमानी पूर्ण बात करते हैं। व्याख्याता ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से सही जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।

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