35वें पायदान पर जिला, 65 फीसद हुआ टीकाकरण

समस्तीपुर। गर्भवतियों का सुरक्षित प्रसव कराने एवं बच्चों को जानलेवा रोग से बचाने को लेकर सरकार द्वारा टीकाकरण की व्यवस्था की गई है, परंतु संसाधन के अभाव में जिले में टीकाकरण की रफ्तार सुस्त है। यही कारण है कि टीकाकरण में पूरे बिहार में समस्तीपुर 35 वें पायदान पर है। टीकाकरण में जिला लगातार पिछड़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद समस्तीपुर में नियमित टीकाकरण अभियान में जिले का पिछड़ना चिता का विषय है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में टीकाकरण 82 प्रतिशत पर था जो 2018-19 में घटकर 48 प्रतिशत पर चला आया है। इसके बाद कोरोना काल में भी काफी समस्या उत्पन्न हुई थी। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में इस बार 17 प्रतिशत टीकाकरण में कमी आई है। इसको लेकर सिविल सर्जन और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने विशेष रणनीति बनायी है। ताकि जिले में पिछड़े हुए प्रखंडों को नियमित टीकाकरण की पटरी पर लाया जा सके। विदित हो कि नियमित टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटा वेलेंट, मिजिल्स, जेई सहित अन्य टीका लगाया जाता है। इन टीका के मदद से बच्चों को कई प्रकार के जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है। सरकार और विभाग इस अभियान को लेकर काफी संवेदनशील है। बावजूद अधिकतर प्रखंडों में इसकी कच्छप गति होने के कारण अभियान पर सवाल उठ रहा है। जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को प्रतिरक्षित करने की पहल :

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कोरोना संक्रमण के कारण नियमित टीकाकरण को सु²ढ़ करना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती है। नियमित टीकाकरण के अंतर्गत जेई के टीका से काफी संख्या में लाभार्थी वंचित हैं। कुछ प्रखंडों में 75 प्रतिशत टीकाकरण हो गया है तो कुछ प्रखंडों में अभी बाकी है। उन सभी प्रखंडों में शत-प्रतिशत लाभार्थियों के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति तैयार की है। जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को जेई टीका से प्रतिरक्षित किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। आशा फैसिलिटेटर करेगी सूची के सत्यापन का कार्य :
सिविल सर्जन ने बताया कि सर्वे का काम आशा करेंगी। 9 माह से 10 वर्ष तक के जेई-1 व जेई-2 टीका से वंचित से सभी बच्चों की सूची तैयार कराई जाए। सूची का सत्यापन आशा फैसिलिटेटर द्वारा किया जाए व सर्टिफिकेशन लिया जाए कि इस क्षेत्र में 9 माह से 10 वर्ष तक के जेई-1 व जेई-2 टीका से वंचित सभी बच्चों को टीकाकरण कराने के लिए सूची में शामिल कर लिया गया है। आशा फैसिलिटेटर सर्टिफिकेशन के बाद प्रखंड स्तर से पदाधिकारियों यथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम द्वारा अपने संबंधित क्षेत्र के कम से कम 10 प्रतिशत क्षेत्रों के सर्वे के सत्यापन की जांच की जानी है।

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