किसानों को दी गई नई तकनीक से खेती की जानकारी

संवाद सहयोगी, मुंगेर : राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना वर्ष 2021- 22 के तहत दो दिवसीय जिला स्तरीय उद्यानिकी उत्पाद प्रदर्शनी सह कृषक गोष्ठी, प्रशिक्षण शिविर का आयोजन बुधवार को संयुक्त निदेशक उमेश चौधरी ने किया। सहायक निदेशक उद्यान अनिल कुमार ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सरकार की ओर से चलाए जा रहे हैं विभिन्न योजनाओं पर मिलने वाले अनुदान के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना से किसान को निश्चित रूप से लाभ उठाना चाहिए । उन्होंने कहा सूक्ष्म उद्यमों के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियां जैसे उत्पाद का कम से कम बर्बादी, पूंजी कौशल, तकनीकी सुविधा व जागरुकता के अभाव का समाधान करने और इन उद्यमों के उन्नयन तथा औपचारिक में सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म में खाद उद्योग उन्नयन योजना की शुरुआत की है। इस योजना की अवधि पांच वर्ष है। वर्ष 2020 से 2025 तक यह योजना संचालित होगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद उद्योग योजना के उद्देश्य सूक्ष्म उद्यमों की क्षमता निर्माण करना है कृषि को मजबूत व संगठित बनाना है। आत्मा के परियोजना निदेशक आनंद विक्रम सिंह ने बिहार कृषि निवेश नीति के संबंध में विस्तार से चर्चा करते हुए किसानों को इसका लाभ लेने का आह्वान किया। उद्यान वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र के मुकेश कुमार ने भी उद्यान खेती के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। संयुक्त निदेशक शष्य उमेश चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत जल के एक-एक बूंद से अधिक उत्पादन करना है। प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना अंतर्गत ड्रिप सिचाई पद्धति के लिए 90 प्रतिशत तथा स्प्रिंकलर सिचाई पद्धति में 75 प्रतिशत अनुदान सभी श्रेणी के कृषकों के लिए व्यवस्था की गई है। ड्रिप सिचाई से लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत होती है, 25 से 35 प्रतिशत अधिक उत्पादन होता है। 25 से 30 प्रतिशत ऊर्जा की खपत में कमी होती है और बेहतर गुणवत्ता का उत्पाद होता है। 30 से 35 प्रतिशत लागत में भी कमी आती है तो हमें क्यों नहीं इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। संचालन परियोजना उप निदेशक आत्मा आनंदमूर्ति कर रहें थे।


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