प्रसव कराने आई महिला को आशा ने दी दवाई, बिगड़ी हालत

संवाद सूत्र, झाझा (जमुई): रेफरल अस्पताल में प्रसव कराने आए मरीज का इलाज आशा कार्यकर्ता करते हैं। प्राइवेट क्लीनिक में भर्ती कराने के लिए मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करती है। प्रसव पीड़ा के दौरान प्रतिबंधित दवा दे मरीज को सीरियस करने का प्रयास किया जाता है। स्वजन पर प्राइवेट क्लिनिक में मरीज को भर्ती करने का दबाव बनाया जाता है। अस्पताल प्रशासन के समक्ष यह बात तब आई जब 29 मार्च की रात्रि प्रसव के लिए आई गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई।

रजला गांव के राकेश कुमार की पत्नी सिधु कुमारी प्रसव के लिए 29 मार्च की शाम रेफरल अस्पताल में भर्ती हुई। मरीज को छापा के आशा गीता कुमारी अस्पताल लेकर आई थी। रात दस बजे के करीब आशा कार्यकर्ता ने अस्पताल के बगल स्थित एक दवा दुकान से प्रतिबंधित दवा लाकर बिना चिकित्सक एवं एएनएम से पूछे गर्भवती को दे दिया। कुछ मिनट के बाद ही मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी। आशा ने स्वजन पर प्राइवेट क्लिनिक में भर्ती करने का दबाव बनाया। मरीज की स्थिति ओर बिगड़ती चली गई। जिसके कारण चिकित्सक को आनन-फानन में जमुई रेफर करना पड़ा। जब मरीज के स्वजनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि आशा गीता देवी के दवा देने के बाद स्थिति नाजुक हो गई। जिस दवा का उपयोग की थी वह सिर्फ चिकित्सक इमरजेंसी में करते हैं। दवा देने से मरीज को काफी पीड़ा होती है। बाद में पता चला कि आशा अपने लाभ के लिए उक्त दवा का प्रयोग की थी। इस मामले पर अस्पताल प्रभारी डा. अरुण कुमार ने बताया कि आशा पर मरीज को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी है। इस घटना की जांच होगी। उसे बर्खास्त करने की अनुशंसा की जाएगी। साथ ही अस्पताल गार्ड एवं एएनएम को आशा को अस्पताल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।

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