मध्य विद्यालय मिर्जापुर का भवन जर्जर, अनहोनी की आशंका से सहमे रहते हैं छात्र व शिक्षक

संवाद सूत्र, पहाड़कट्टा (किशनगंज) : केंद्र एवं राज्य सरकार हर साल शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है। वहीं पोठिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मध्य विद्यालय मिर्जापुर का तीन वर्ग कक्ष सहित कार्यालय का कमरा वर्षो से जर्जर स्थिति में है। जिससे कभी भी अप्रिय घटना घटने की आशंका बनी रहती है। जर्जर भवन के कारण विद्यालय के अध्ययनरत छात्र-छात्राएं हमेशा विद्यालय में डरे- सहमे रहते हैं।

मौके पर प्रधानाध्यापक अशोक कुमार दास ने बताया कि जर्जर विद्यालय भवन की मरम्मती के लिए सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक वरूण कुमार सिंह के द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों को लिखित आवेदन दिया गया है। परन्तु आजतक इस दिशा में विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यालय का तीन वर्ग कक्ष तथा एक कार्यालय कक्ष पूरी तरह जर्जर होने से बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है, जिससे छात्र-छात्राओं को परेशानियों से जूझना पड़ता है। प्रधानाध्यापक अशोक कुमार दास ने यह भी बताया कि चार वर्ष पूर्व सर्व शिक्षा अभियान के तकनीकी पर्यवेक्षक निर्मल कुमार निर्मल के द्वारा विद्यालय के जर्जर भवन का जायजा लिया गया था। जायजा लेने के उपरांत उन्होंने विद्यालय के भ्रमण पंजी में लिखा है कि विद्यालय के जर्जर भवन को देखकर यह प्रतीत होता है कि किसी भी समय विद्यालय का छत गिर सकता है। चूंकि सिलिग का प्लास्टर झड़ चुका है, साथ ही साथ जो छड़ (रड) निर्माण काल के समय दस एमएम का लगाया गया था, उसकी मोटाई अब आधे से भी कम हो गई है। उन्होंने भ्रमण पंजी में इसका भी जिक्र किया है कि जब वह वर्ग कक्ष का जायजा लेने गए तो बच्चों ने बताया कि छत से पानी टपकने के दौरान पढ़ने में काफी परेशानी होती है। बताते चले कि मध्य विद्यालय मिर्जापुर में 466 छात्र छात्राएं नामांकित है। नौ शिक्षक तथा एक तालिमी मरकज पदस्थापित है। जबकि वर्ग कक्ष की संख्या दस है। जिसमें चार कमरा जर्जर होने से पानी टपकता है। बच्चों के अनुपात में वर्ग कक्ष का भी घोर अभाव है। इधर विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष सह वार्ड सदस्य जितेंद्र कुमार सिंह, सचिव प्रमिला देवी एवं विद्यालय पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों का ध्यानाकृष्ट कराते हुए जर्जर विद्यालय भवन की मरम्मती कार्य कराए जाने के साथ-साथ नए भवन दिए जाने की मांग की है। ताकि छात्र-छात्राओं को विद्यालय में पठन-पाठन की सुविधा मिल सके।

अन्य समाचार