साइबर अपराधियों के जाल में फंस कई लोग गंवा चुके हैं अपनी कमाई

- लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए साइबर अपराधी तरह-तरह की तरकीब अपनाते साइबर अपराधी

- डेविट कार्ड का क्लोन बना देते हैं साइबर अपराध को अंजाम
संवाद सहयोगी, जमुई: जिले के कई लोग साइबर अपराधियों की जाल में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा चुके हैं। लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए साइबर अपराधी तरह-तरह की तरकीब अपनाते रहते हैं। साइबर क्राइम की बढ़ती घटना से लोग हमेशा सशंकित रहते हैं। अनपढ़ व ग्रामीण ही नहीं बल्कि पढ़े लिखे व शहरी व्यक्ति भी साइबर अपराधी की जाल में फंस जाते हैं। अपने आप को बैंक अधिकारी बताकर साइबर अपराधी कभी केवाईसी कराने के नाम पर तो कभी आधार नंबर को बैंक खाता से लिक कराने के नाम पर एटीएम कार्ड संबंधित जानकारी हासिल कर बैंक ग्राहकों के खाते से उनकी गाढ़ी कमाई उड़ा लेते हैं । लाटरी लगने का झांसा देकर भी साइबर अपराधी डेबिट कार्ड का नंबर और आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि प्राप्त कर साइबर अपराध को अंजाम दे डालते हैं। गार्ड विहीन एटीएम पर आने वाले ग्राहकों को भी साइबर अपराधी अपने जाल में फंसाने से नहीं चूकते। गार्ड विहीन एटीएम पर साबर अपराधी बैंक ग्राहकों का एटीएम कार्ड को धोखे से अदला-बदली कर भी साबर अपराध को अंजाम देते हैं। इसके लिए पहले ग्रामीण परिवेश के बैंक ग्राहकों की पहचान कर उसके पीछे लाइन में खड़ा हो जाता है फिर उसके एटीएम कार्ड का पिन पता कर लेता है। इसके बाद सहयोग करने के नाम पर उसका एटीएम कार्ड लेकर धोखे से कार्ड बदल डालता है। फिर तत्काल किसी दूसरे एटीएम में जाकर राशि निकासी कर लेता है बैंक ग्राहकों के एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करने के लिए भी एटीएम मशीन में एटीएम कार्ड डालने वाली जगह में छेड़छाड़ कर डालते हैं।

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