कहीं मध्याह्न भोजन बंद हैं, तो कहीं समय से पूर्व खाना खिलाकर छुट्टी दे दी जाती है

संवाद सूत्र, महेशखूंट (खगड़िया): सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था पदाधिकारियों की उदासीनता से बेपटरी हो गई है। नियम कानून को ताक पर रखकर अधिकतर प्रधानाध्यापक विद्यालय चलाते हैं। कहीं मध्याह्न भोजन समय से पूर्व छात्र- छात्राओं को खिलाकर छुट्टी दे दी जाती है, तो कहीं मध्याह्न भोजन बंद है। जिससे छात्रों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है।

गुरुवार को जागरण टीम मदारपुर पंचायत के मध्य विद्यालय गोविदपुर साढ़े ग्यारह बजे पहुंची। प्रवेश द्वार पर आधे दर्जन छात्र- छात्रा खेल रहे थे। अंदर प्रवेश करने पर देखा कि सभी बच्चे बरामदे पर इधर उधर भटक रहे हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक धनेश्वर पासवान भी बरामदे पर आ गए। शिक्षिका मधु कुमारी और अहिल्या भारती कार्यालय में बैठी हुई थी। क्या वर्ग संचालन नहीं होता है, के जवाब में प्रभारी प्रधानाध्यापक का कहना हुआ कि वे वर्ग आठ के छात्र- छात्राओं के बीच टीसी बांट रहे हैं। बंद मध्याह्न भोजन योजना के बारे में पूछने पर बताया कि दो रसोईया है। जो बीमार है। इस कारण मध्याह्न भोजन बंद है। इस बीच छात्र- छात्राओं ने बताया कि कल बुधवार को भी खाना नहीं बना था। एक कमरे में 20 बैंच डेस्क लगे हुए थे। पूछने पर बताया कि यह वर्ग आठ है। एक मात्र चापाकल है। प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि यहां पर कुल नामांकित छात्र- छात्राओं की संख्या 524 है। जबकि गुरुवार की उपस्थिति 50 से अधिक नहीं थी। वहीं प्रभारी प्रधानाध्यापक के अलावे केवल दो शिक्षिका कार्यरत है। अब पठन-पाठन की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।

11 बजे दिन में यह टीम प्राथमिक मकतब झिकटिया पहुंची। दो- चार बच्चे मध्याह्न भोजन खा रहे थे। शेष बच्चे घर जा चुके थे। प्रधानाध्यापक मु. अबुबकर सिद्धिकी छुट्टी पर थे। प्रभार में वरीय शिक्षक मु. अजमेर आलम थे। दो शिक्षिका विद्यालय में थी। एक शिक्षिका का पता नहीं था। जबकि एक शिक्षक छुट्टी पर थे। बताया गया कि यहां पर कुल नामांकित छात्र- छात्राओं की संख्या 180 है। गुरुवार की उपस्थिति 79 बताई गई।
वहीं मध्य विद्यालय भदलय में 12 बजे छात्र- छात्रा मध्याह्न का खाना खाकर हाथ धो रहे थे। प्रधानाध्यापक सुधीर केसरी ने बताया कि कुल नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 190 है। जिसमें 98 उपस्थित हैं। भात- दाल और आलू कद्दू की सब्जी बनी थी।

अन्य समाचार