हिमालय की चोटी पर अनीशा ने लहरा दिया तिरंगा

संवाद सहयोगी, जमुई : जिद और जुनून के दम पर एक मामूली कही जाने वाली बेटी ने पहाड़ की चोटी पर हिम्मत का झंडा गाड़ दिया। जमुई शहर के बिहारी मोहल्ला निवासी स्वर्गीय शशिकांत दुबे की बेटी अनीशा ने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली में 14000 फीट की ऊंचाई पर पर्वतारोहण किया। यह कारनामा करने वाली बिहार की टीम में जमुई की इकलौती लड़की थी। इस सफलता के बाद साधारण कही जाने वाली लड़की के असाधारण काम की चर्चा अब होने लगी है। अनीशा ने इसके पीछे बचपन के सपनों का पूरा होना बताया है। उसने कहा कि उसे बचपन से ही पर्वतारोही बनने और पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर ठंडी सांस लेने की चाहत थी। उसके सपने के पूरा होने पर दिवंगत पिता को बैकुंठ में भी खुशी हो रही होगी। हालांकि यह सफर इतना आसान नहीं था। जीवन की जटिलताओं में कई उतार-चढ़ाव आए। जब वह एक साल की थी, तब उसके पिता की मृत्यु हो गई। मां मधु दुबे ने बहुत कठिन मशक्कत से उसकी परवरिश की। उसे समाज और परिवार का भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। अनीशा ने बताया कि पर्वतारोहण के लिए उसने कहीं भी कोई प्रशिक्षण नहीं लिया। अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने की तमन्ना के बीच बरहट प्रखंड क्षेत्र के मलयपुर पंचायत की टेंगहारा निवासी पर्वतारोही निशु सिंह के मार्गदर्शन में इस काम को अंजाम दिया। पर्वतारोहण के लिए मनाली के पतालसु चोटी पर चढ़ने के लिए हिदुस्तान एडवेंचर फाउंडेशन के द्वारा पांच दिन का समय निर्धारित किया गया था।लेकिन मैंने अपने जुनून के कारण पहले प्रयास में ही मात्र दो दिनों में ही उस चढ़ाई को पूरा कर लिया। आगे मेरी तमन्ना और भी ऊंची चोटी पर चढ़ाई करने की है ताकि मैं पूरे विश्व में शान के साथ अपने देश बिहार और जमुई का नाम रोशन कर सकूं।


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