दालकोला का फिरोज हैं स्मैक तस्कर गिरोह का सरगना

राजीव कुमार, पूर्णिया। सीमाचंल में स्मैक की तस्करी गिरोह का मुख्य सरगना बंगाल के दालकोला का रहने वाला मो. फिरोज है। मो. फिरोज स्मैक की खेप बंगलादेश के रास्ते मंगाकर अपने तस्करों के माध्यम से सीमांचल के जिलों में खपा रहा है। उसके द्वारा खुदरा नहीं बल्कि आधे किलो से लेकर एक किलो या उससे अधिक की आपूर्ति तस्करों को उसके द्वारा की जाती है।

उसके यहां से सौ ग्राम पचास ग्राम स्मैक किसी भी तस्कर को आपूर्ति नहीं की जाती है। इसके अलावा स्मैक का भुगतान उसके द्वारा आन लाइन मोबाइल के माध्यम से लिया जाता है। भुगतान लेने के बाद ही उसके द्वारा स्मैक के खेप की आपूर्ति की जाती है। इसका खुलासा पूर्णिया पुलिस के हत्थे चढ़े स्मैक तस्कर विपुल सिंह ने किया है। उसके पास से पुलिस ने जो मोबाइल फोन बरामद किया है उससे भी स्मैक तस्करी के संबंध में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। उसके मोबाइल से स्मैक के नमूने के अलावा स्मैक की खरीदारी के लिए कई बार लाखों की राशि का आन लाइन भुगतान किए जाने की बात भी सामने आई है। स्मैक तस्कर विपुल सिंह ने पुलिस को बताया की उसके द्वारा एक बार नहीं बल्कि की बार स्मैक की बड़ी खेप लाकर दालकोला से सीमांचल के जिलों में खपाई गयी है। उसने अपने उन सहयोगियों के नामों की भी जानकारी पुलिस को दी है जिनसे वे स्मैक की छोटी खेप ले जाकर बाजार में खपाते थे। उसकी निशानदेही के आधार पर सदर थाना की पुलिस ने शुक्रवार को स्मैक की एक छोटी खेप के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है।

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विपुल के मोबाइल से स्मैक खरीददारी के लिए भेजी गयी राशि
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पुलिस की गिरफ्त में आए स्मैक तस्कर विपुल सिंह जो मधेपुरा जिले के कुमारखंड का रहने वाला है। उसने बताया की स्मैक की खरीददारी के लिए उसने 15 दिनों के अंदर 20 लाख से अधिक की राशि कई अलग- अलग नंबरों पर भेजी है। विपुल सिंह ने बंगाल के मालदा के कलियाचक के मो. जब्बार के मोबाइल पे फोन पर 27 मार्च तक उसने कई लाख की राशि कई बार में भेजी है। इसके अलावा मो. नजमुल शेख के मोबाइल पे फोन पर भी विपुल ने स्मैक के लिए 15 मार्च से 27 मार्च के बीच कई किस्तों में लाखों की रकम भेजी है। इसके अलावा पूर्णिया के पार्वती हाता के हिटलर भैया नामक किसी व्यक्ति के नंबर पर भी कई बार में लाखों की राशि भेजी गयी है।
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शराबबंदी के बाद स्मैक की बढ़ी मांग
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बताया जाता है की सूबे में शराबबंदी के बाद स्मैक की बढ़ती मांग को देखते हुए स्मैक का कारोबार काफी फल फूल रहा है। बंगाल सीमा से सटे इलाकों में शराब एवं स्मैक की बिक्री का कारोबार कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। यहां पर एक ओर जहां विदेशी एवं देशी शराब नार्थ इस्ट के राज्यों से स्प्रीट की खेप मंगाकर बनाई जा रही है और बिहार के जिलों में खपाई जा रही है। वहीं स्मैक की खेप भी बंगलादेश के रास्ते पहले इन राज्यों में पहुंचाई जा रही है फिर उसे बंगाल में लाकर स्मैक तस्करों को सौंपा जा रहा है। पकड़ में आए स्मैक तस्कर ने इस बात का भी खुलासा किया है की दालकोला से स्मैक की खेप आराम से तस्करों द्वारा अपने वाहन में महिलाओं को साथ रखकर लाया जा रहा है। वाहन में महिला के रहने पर पुलिस द्वारा बहुत बारिकी से वाहनों की जांच नहीं की जाती है और इसी का फायदा उठाकर स्मैक की छोटी पोटली को आराम से निर्धारित ठिकाने पर पहुंचा दिया जा रहा है। कोट के लिए
स्मैक की तस्करी में शामिल एक बड़े गिरोह का खुलासा पूर्णिया पुलिस ने किया है,इस स्मैक तस्कर ने तस्करी के संबंध में कई अहम खुलासे किए हैं जिसका पुलिस सत्यापन कर रही है: दयाशंकर एसपी पूर्णिया
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