जल जीवन हरियाली अभियान में जिले को मिला प्रथम स्थान

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। मार्च महीने के अंत में जल जीवन हरियाली अभियान को लेकर जारी रैंकिग में जिले को पहला स्थान मिला है। जल जीवन हरियाली अभियान में जिला को समेकित रूप से 64.64 अंक प्राप्त हुआ हैं।

इसमें प्रपत्र-1 अंतर्गत जल स्त्रोत से अतिक्रमण को मुक्त करना, नए जल संरचना के निर्माण में जिले को 10 में 10 अंक, प्रपत्र 2 अंतर्गत सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार में जिले को 20 में से 15.8 अंक, प्रपत्र 3 अंतर्गत सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार में जिले को 10 में से 7.9 अंक, प्रपत्र 4 अंतर्गत सार्वजनिक कुओं, चापाकलों के किनारे सोख्ता का निर्माण के लिए 10 में से 6.33 अंक, प्रपत्र 5 अंतर्गत चेक डैम का निर्माण में 6 में से 3.6 अंक, प्रपत्र 6 अंतर्गत नए जल स्त्रोतों का सृजन में 10 में से 4.63अंक, प्रपत्र- 7 अंतर्गत भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण में 10 में से 6.84 अंक, प्रपत्र 8 अंतर्गत पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण में 10 में से 8.33 अंक,प्रपत्र 9 में टपकन सिचाई व जैविक खेती में 8 में से 0.35 अंक व प्रपत्र 10 अंतर्गत भवनों पर सौर ऊर्जा लगाने में 6 में से 4.65 अंक प्राप्त हुए हैं। डीडीसी मनोज कुमार ने बताया कि जल जीवन हरियाली अभियान को लेकर लगातार कार्यो की निगरणी के कारण से कार्य में अपेक्षित सुधार हुआ है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत् विगत दो वर्षो में सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं के तहत् शत-प्रतिशत अतिक्रमण मुक्त कराये गए हैं।इसके अलावा 5 एकड़ से अधिक रकवा वाले 27 सार्वजनिक तालाब व पोखरों के विरुद्ध 2 तालाब का निर्माण करवाया गया है। वहीं पांच एकड़ से कम रकवा वाले 223 तालाब का निर्माण किया गया है। जिसमें अमौर में 6, बैसा में 19, बायसी में 12, बनमनखी में 30, बीकोठीमें 26, भवानीपुर में 5, डगरूआ में 9, धमदाहा में 42, जलालगढ़ में 15, कसबा में 13, केनगर में 11, पूर्णिया पूर्वमें 4, रूपौलीमें 19 एवं श्रीनगर में 12 है।वहीं पीएचईडी द्वारा 206, पंचायत यत राज विभाग द्वारा 100 एवं नगर निकाय के द्वारा 42 कुंआ का जीर्णोद्धार करवाया गया है। जिले में 353 कुओं के समीप सोख्ता का निर्माण कार्य करवाने के साथ-साथ 628 नये जलस्त्रोत पूर्ण किया गया। जिसमें मनरेगा के तहत 573 एवं पशु मत्स्य विभाग द्वारा 55 है। जिले में जल संचयन के लिए 345 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग का निर्माण करवाया गया है। जिसमें मनरेगा के तहत 163, शिक्षा विभाग द्वारा 119 व स्वास्थ्य विभाग द्वारा 5, भवन निर्माण विभाग द्वारा 54 एवं नगर निकाय के द्वारा चार का निर्माण किया गया है। वहीं सौर उर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं उर्जा की बचत में मार्च 2021 की तुलना में मार्च 2022 में 20.58 प्रतिशत की कमी आई है। इसके साथ 38 भवनों को सौर उर्जा युक्त बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी भी योजनाओं में और ज्यादा सुधार की जरूरत है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में सभी कर्मियों के प्रयास से इस वित्तीय वर्ष के अंत में जिले को यह शानदार उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि हम सबों का प्रयास रहेगा कि इस रैंक को आगे भी बरकरार रखा जाय। इसके लिए हम सभी को लगातार प्रयास करना होगा।

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