चांद दिखने पर निर्भर करेगा रमजान का पहला रोजा, तैयारी पूरी

बेतिया। अल्लाह की इबादत करने वाला पाक महीना रमजान शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर मुस्लिम समुदाय जोर-शोर से तैयारी कर रहा है। उनके लिए रमजान का महीना काफी मायने रखता है। तीस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और पांच वक्त की नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान के पवित्र महीने का आगाज एक से दो दिन में होगा। अंजुमन इस्लामिया के सेक्रेटरी गुलरेज अख्तर ने बताया कि रमजान का पहला रोजा पूरी तरह से चांद के दिखने पर निर्भर रहेगा। शनिवार को चांद दिखने की सबसे अधिक उम्मीद है। उसके बाद तरावीह होगा। उसके दूसरे दिन पहला रोजा रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरे शिद्दत से रमजान किया जाता है आखिर में ईद की नमाज पढ़ी जाती है, जिसमें रोजेदार अपने गुनाहों का बक्शीश करता है। बता दें कि रमजान के महीने में सुबह सहरी की जाती है। शाम में इफ्तार किया जाता है। सहरी के बाद और इफ्तार के पहले कुछ खाया पिया नहीं जा सकता। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार भी 2 या 3 अप्रैल को पहला रोजा हो सकता है। अगर पहली अप्रैल को चांद दिखाई देगा तो पहला रोजा 2 अप्रैल को होगा। लेकिन 2 अप्रैल को चांद दिखा तो 3 अप्रैल को देश में पहला रोजा होगा। इसके बाद तीस दिन तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करेंगे। रमजान को लेकर सजी दुकानें


रमजान के महीना को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों और मस्जिदों की सफाई पूरी कर ली है। वे पर्व की तैयारी में लग गए हैं। इसमें उपयोग आने वाली खाने पीने की वस्तुओं के अलावे अन्य सामग्रियों की दुकानें भी सज गई हैं। बड़ी मस्जिद चौक पर सेवई विक्रेता फैयाज अंसारी ने बताया कि इस वर्ष वस्तुएं महंगी मिली है। लच्छा सेवई 100 -150 रुपये किलो तथा खजूर 120 - 1000 रुपये किलो तक उपलब्ध है। रोजेदार अपनी जरूरत के अनुसार इन सामग्रियों की खरीदारी थोड़ी बहुत शुरू कर दिए हैं। रमजान शुरू होते ही बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।

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